थर्सडे को पेश होने वाले बजट से पहले पार्लियामेंट में इकनॉमिक सर्वे पेश हो गया है. अगले साल गवर्नमेंट को इकनॉमिक स्लोडाउन खत्म होने के साथ इकॉनमी में मजबूती लौटने की उम्मीद है. हालांकि आम लोगों के लिए बुरी खबर है. सर्वे में डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने की सिफारिश की गई है.

सब्िसडी का बोझ होगा कम

सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए डीजल और LPG की कीमतें बढ़ाने की सिफारिश की गई है. हालांकि इस बुरी खबर के साथ आम लोगों के लिए एक अच्छी खबर भी है. सर्वे में मंदी खत्म होने के साथ महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद जताई गई है. सर्वे में कहा गया है कि इनफ्लेशन रेट में गिरावट की वजह से ब्याज दरों में कटौती हो सकती है.

घटेगा Inflation rate

सर्वे में फाइनैंशल ईयर 2014 में जीडीपी दर 6.1-6.7 परसेंट रहने का अनुमान लगाया गया है. मार्च महीने में महंगाई दर घटकर 6.2-6.6 परसेंअ रहने की उम्मीद है. देश में इकनॉमिक  स्लो डाउन खत्म होने के करीब है और इकॉनमी में सुधार के संकेत हैं. सर्वे में कहा गया है कि स्लो डाउन खत्म करने के लिए आर्थिक सुधार तेज करने की जरूरत है.

हालांकि फाइनेंशियल और करंट घाटे का बढ़ना चिंता का विषय है. लिहाजा वैश्विक स्थिति को देखते डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाना जरूरी होगा. डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई में बढ़ोतरी होने की आशंका भी जताई गई है. एक्सपोर्ट्स में जल्द सुधार आने की संभावना कम है.

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