यह भी जानें

-60 रुपए पर केजी होल में मिल रहा प्याज

-120 रुपया किलो तक रिटेलर बेच रहे प्याज

-फुटकर सब्जी विके्रता पाव के भाव में कमा रहे किलो का मुनाफा

-अदर स्टेट में प्याज की फसल पर भारी पड़ी मौसम की बेरुखी

बरेली: यूं तो सब्जियों का भाव किलो में ही आंका जाता है, पर इन दिनों प्याज के भाव इतने चढ़ गए हैं कि दुकानदार अब इसे पाव के हिसाब से बता रहे हैं। यह बदलाव प्याज की कीमत सौ के पार पहुंचने के बाद से आया है। इस डिफरेंस की वजह से फुटकर विक्रेता पाव के भाव में ही किलो का मुनाफा कमा रहे हैं।

खाने का बिगड़ा स्वाद

प्याज बतौर मसाला जहां वेज से नॉनवेज तक का टेस्ट बढ़ा देता है तो वहीं सलाद के तौर पर भी इसका कोई मुकाबला नहीं है। अपने लजीज स्वाद से ही यह खाने का चाव बढ़ा देता है। अब महंगाई के चलते इसका स्वाद जेब पर इस कदर भारी पड़ रहा है कि इसका सीधा असर खाने के चाव पर पड़ रहा है। प्याज के इस चढ़े हुए भाव ने वेजीटेरियन हो या नॉन वेजीटेरियन सभी की मिजाज बिगड़ हुआ है। लोगों का कहना है कि प्याज का भाव सौ के पार पहुंचने से उन्हें इसके इस्तेमाल में ही कटौती करनी पड़ रही है।

होटल्स पर दिखा असर

होटलों में प्याज का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। वेजीटेरियन होटलों में जहां बतौर सलाद इसका इस्तेमाल होता है, वही नॉनवेज होटलों में तो नॉनवेज बनाने के साथ ही सलाद में भी इसकी भारी डिमांड रहती है। प्याज के दाम बढ़ने से होटलों में भी इसके इस्तेमाल में कटौती हुई है। होटल संचालकों ने अपने ग्राहकों के खाने की थाली से प्याज का सलाद हटा दिया है। ग्राहकों को सलाद में अब सिर्फ मूली ही सर्व की जा रही है। इस पर होटल संचालकों को कभी तो ग्राहकों की नाराजगी से भी दो-चार होना पड़ रहा है।

दोगुना है डिफरेंस

प्याज के भाव में कितना उतार-चढ़ाव है, यह शहर की सब्जी मंडी में देखने को मिल रहा है। होलसेल में प्याज 30 से 60 रुपया किलो तक बिक रहा है। वहीं मंडी में ही सुबह सब्जी की फुटकर बजार सजती है और इस बजार में ही प्याज 500 से 600 रुपया धड़ी तक बेजा रहा है। एक धड़ी में पांच किलो होता है, इस तरह यहां फुटकर सब्जी बेचने वाले ही 100 से 120 रुपया किलो तक प्याज बेच रहे हैं।

छोटे प्याज के भी बड़े 'नखरे'

भाव चढ़ने से जहां प्याज खरीदारों के आंसू निकाल रहा हो, पर बेचने वाले इन आंसुओं की कीमत खूब वसूल रहे हैं। डिमांड बढ़ने से मंडी में होलसेलर से लेकर रिटेलर तक इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं। वहीं जिस छोटे दाने प्याज को पहले कोई पूछता नहीं था वह भी अब 50 से 60 रुपया किलो तक बेचा जा रहा है।

बारिश ने बिगाड़ा रेट का गणित

बरेली मंडी में प्याज की आवक महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान की मंडियों से होती है। इन स्टेट्स में बेमौसम बारिश से प्याज की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई। बारिश से यहां की मंडियों में स्टोर प्याज भी खराब हो गया। इससे बरेली की मंडी में भी प्याज की आवक घट गई और इसका सीधा असर इसके भाव पर पड़ा।

प्याज की कीमत में उछाल आने की सबसे बड़ी वजह दूसरे राज्यों में इसकी फसल खराब होना है। अब राजस्थान से प्याज की आवक शुरू हुई है। प्याज की सप्लाई प्रॉपर होने से जल्दी ही इसके भाव भी उतर जाएंगे।

हाजी कमर अख्तर, कोषाध्यक्ष, सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन

मंडी से प्याज महंगा मिल रहा है। इससे महंगा बेचना फुटकर सब्जी बेचने वालों की मजबूरी है। मंडी से होलसेल में प्याज खरीदने के बाद इसकी छंटनी करनी होती है। कुछ प्याज खराब निकलता है। इससे भाव और भी बढ़ जाता है।

धर्मेन्द्र, फुटकर विक्रेता

प्याज के बिना होटल में खाने का मजा ही किरकिरा हो गया है। सलाद में प्याज देने से होटल वाले सीधा मना कर रहे हैं। प्याज मांगने पर अलग से कीमत चुकाने की बात कही जा रही है। प्याज को लेकर नोकझोंक भी हो रही है।

राकेश

प्याज में महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि किलो में इसको खरीदना भारी पड़ रहा है। किलो की जरूरत अब पाव भर से पूरी की जा रही है। सलाद से भी प्याज दूर हो गया है। प्रशासन को भी इस ओर से ध्यान देन चाहिए।

मीना देवी