कई रिकॉर्ड एक साथ टूटे

वर्ष 1995 में महेंद्र सिंह धोनी ने जिला स्कूल लीग के फाइनल मैच में अपने करियर का पहला शतक जड़ा था। तब उन्होंने 25 ओवर के मैच में 128 गेंद पर नाबाद 213 रन बनाए थे। उस मैच में धोनी ने अपने साथी खिलाड़ी शब्बीर अहमद के साथ मिलकर 377 रनों की साझेदारी की थी। तब शब्बीर ने भी नाबाद 101 रन बनाए थे। उस मैच के बाद धोनी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। अपने कई इंटरव्यू में धोनी यह कह चुके हैं कि वह पारी उनकी लाइफ का टर्निंग प्वॉइंट थी। रांची में बड़े स्कोर की बात चलती है, तो चार साल पहले कौशल किशोर की ओर से बनाए गए 239 रन की याद ताजा हो जाती है। कौशल ने यह कारनामा रांची कॉलेज मैदान में एक टी-ट्वेंटी मैच के दौरान कर दिखाया था। लेकिन, प्रिंस इन सभी से आगे निकल गए।

इन पांच वजहों के चलते धोनी को छोड़नी पड़ी कप्तानी

400 रन बनाने की है तमन्ना

मैच खत्म होने के बाद देर शाम प्रिंस और उनके कोच सत्यम आई नेक्स्ट के दफ्तर पहुंचे। प्रिंस ने बताया कि उन्हें मौका मिलता, तो वे 400 भी बना सकते थे। अफसोस रह गया कि ओवर ही नहीं बचे थे। प्रिंस कहते हैं कि वे अगले मैच में इस कसर को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे। प्रिंस बी डिविजन लीग मैच खेलते हैं। अब तक वे स्कूली स्तर की प्रतियोगिताओं में तीन शतक जमा चुके हैं। उनका अगला मैच 10 जनवरी को आरसीए ब्लू के साथ होने वाला है।

छक्के से ज्यादा चौकों पर जोर

प्रिंस कहते हैं कि उन्हें छक्के मारना पसंद नहीं है। वे चौके जमाने पर ही ज्यादा फोकस करते हैं। वैसे भी लंबी पारी खेलने के लिए कैच होने से बचना बेहद जरूरी है। प्रिंस को स्क्वायर कट पसंद है और कई अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के फुटेज देखकर वे अपनी बैटिंग में निखार लाने की लगातार कोशिश करते हैं। प्रिंस ने बताया कि उन्हें विराट की बैटिंग स्किल ज्यादा पसंद है। हालांकि, उन्हें धोनी की बैटिंग भी भाती है, लेकिन वे विराट की तरह धुआंधार खेलने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।

हर साल अपनी हेयरस्टाईल बदल लेते हैं धोनी, देखें 12 साल में उनके 12 लुक

एक साल से स्कूल नहीं गए

रांची के हरमू स्थित विद्यानगर निवासी अजय सिंह के बेटे प्रिंस की एक साल से स्कूल की पढ़ाई छूटी हुई है। पहले वे टाइनी टॉट्स स्कूल में पढ़ते थे। सातवीं तक पढ़ाई करने के बाद दूसरे स्कूल में दाखिले के चक्कर में एक साल बीत गया। इस दौरान प्रिंस ने अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर ही लगा दिया। प्रिंस कहते हैं कि अभी तक कहीं एडमिशन नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही डीएवी कपिलदेव में दाखिला मिल जाने की उम्मीद है।

कड़ी मेहनत करता है प्रिंस

प्रिंस के कोच और हरमू यूथ क्लब के संचालक सत्यम बताते हैं कि वह नेट्स में कड़ी मेहनत करता है। हमेशा अनुशासन में रहना और खेल पर फोकस करना उसकी आदतों में शुमार है। सत्यम कहते हैं कि अगर प्रिंस इसी तरह मेहनत करता रहा, तो वह दिन दूर नहीं, जब रांची से एक और सितारा क्रिकेट के आसमान पर चमकदार सितारे के रूप में उभरेगा। सत्यम के पास प्रिंस पिछले पांच सालों से कोचिंग ले रहै हैं। दोनों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें स्टेट और नेशनल लेवल पर खेलने का मौका मिलेगा।

वन डे की कप्तानी से रिटायरमेंट के एलान के बाद फुटबॉल में बिजी हो गए कैप्टन कूल

Cricket News inextlive from Cricket News Desk

Cricket News inextlive from Cricket News Desk