- बजट लैप्स कराने, पत्रावली और सरकारी अभिलेख को गायब करने का मामला

- जांच में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई करने का दिया गया था आदेश

- निदेशक प्रशासन चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा रितु महेश्वरी ने दी एडी हेल्थ को जांच की जिम्मेदारी

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में पिछले माह बजट लैप्स कराने, पत्रावती और सरकारी अभिलेख गायब करने के मामले में निदेशक प्रशासन चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा रितु महेश्वरी ने जांच में दोषी पाए गए प्रधान सहायक काली प्रसाद उपाध्याय को निलंबित करने का आदेश दिया है। साथ ही एडी हेल्थ से मामले की निष्पक्ष जाने कराने को कहा गया है।

27 अप्रैल 2015 को तत्कालीन निदेशक प्रशासन व स्वास्थ्य सेवा वैभव प्रकाश ने जिला अस्पताल और महिला अस्पताल के अभिलेखों की जांच पड़ताल करने पहुंचे थे। महिला अस्पताल में जांच के उपरान्त गणेश शर्मा फार्मासिस्ट के मेडिकल प्रतिपूर्ति बजट स्वीकृति होने के बावजूद भी जान बुझकर बजट लैप्स कराने, पत्रावती और सरकारी अभिलेखों को गायब करने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले में वैभव प्रकाश ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। साथ यह भी कहा था कि आखिर बजट होने के बाद पीडि़त को धन क्यों नहीं दिया गया।

एक बार इनके खिलाफ दर्ज हो चुकी है रिपोर्ट

प्रधान सहायक काली प्रसाद उपाध्याय के खिलाफ पहले भी एक मामले में जुलाई 2014 में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। तत्कालीन निदेशक प्रशासन अविनाश गौड़ ने एक मामले में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। 2014 में इनको मेडिकल के कॉलेज क्षेत्रिय परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र में भेजा गया था लेकिन ये नहीं गए। और एसआइसी से सांठगाठ कर अपना अटैचमेंट महिला अस्पताल में करा लिया था।

महानिदेशक के समक्ष तलब हुए एंप्लाइस

मामले की जांच महानिदेशक स्तर पर कराई गई। सभी एंप्लास को फाइल और रिकार्ड के साथ तलब किया गया। निदेशक प्रशासन के समक्ष सभी का बयान कराया गया। इसके उपरान्त जांच टीम ने रिपोर्ट सौंपा। रिपोर्ट के आधार पर प्रधान सहायक काली प्रसाद उपाध्याय को दोषी पाया गया।