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RANCHI: सरकारी स्कूलों में प्रिसिंपल साहब को अब एग्जाम में बैठना होगा, अपनी योग्यता साबित करनी होगी उसके बाद ही उन्हें अब प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके साथ ही जिन स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। वहां भी एग्जाम के जरिये ही इस पद पर नियुक्ति की जाएगी। दरअसल राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 90 परसेंट से ज्यादा प्रिंसिपल के पद पद रिक्त हैं जो अब तक भरे नहीं जा सके हैं। इसके कारण स्कूलों में न तो अनुशासन का स्तर ही सराहनीय रहा है और न ही रिजल्ट बेहतर आ रहा है। इसको देखते हुए ये महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।

टीचर्स को भी मौका
|राज्य सरकार ने नई नियुक्ति नियमावली में इसका प्रावधान किया है। यह भी तय हुआ है कि प्रधानाध्यापक के खाली पड़े पदों में से आधे पर जहां सीधी नियुक्ति होगी वहीं शेष पर सहायक टीचर्स को मौका दिया जाएगा। दोनों स्थितियों में एग्जाम में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। सहायक शिक्षकों को भी इस परीक्षा में सफल होना जरूरी होगा।

क्षेत्रीय भाषा में पास होना जरूरी
रिटेन एग्जाम में अनिवार्य सबजेक्ट की परीक्षा पहले पास करनी होगी। इसमें जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा संताली, मुंडाली हो, कुडुख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंच परगनिया या बंगला में 50 में से 15 नंबर लाना होगा। इसके बाद ही नके सामान्य ज्ञान, शिक्षक प्रशिक्षण से संबंधित सबजेक्ट्स व स्नातकोत्तर के विषयों की कॉपियां जांची जाएंगी।

अब तक प्रोन्नति से ही नियुक्ति
राज्य में अब तक सिर्फ सहायक टीचर्स को प्रमोशन के आधार पर प्रिंसिपल बनाया जाता रहा है। यहां प्रिसिंपल के 3126 पद हैं। इनमें 123 स्कूलों में ही प्रधानाध्यापक हैं। बाकी जगह प्रभारी प्रधानाध्यापक से काम चलाया जा रहा है या पद कई सालों से रिक्त है। वहीं अपग्रेड हुए स्कूलों में भी प्रधानाध्यापक के पद सृजित नहीं किये गये हैं।

नियुक्ति के लिए नई शर्ते
सीधी भर्ती वाले टीचर्स के लिए अनिवार्य शर्त के तौर पर अनिवार्य विषयों की परीक्षा 50 अंक की होगी जबकि सामान्य ज्ञान 100 अंक, शिक्षक प्रशिक्षण के विषय 200 अंक और स्नातकोत्तर के विषय के 200 अंकों की परीक्षा ले जाएगी। जबकि कार्यरत शिक्षकों के लिए अनिवार्य विषय 50 अंक, सामान्य ज्ञान 50 अंक, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विभागीय योजना की जानकारी 50 अंक, शिक्षक प्रशिक्षण के विषय 100 अंक और स्नातकोत्तर के विषयों की 100 अंकों की परीक्षा होगी।