-बोले, सिर्फ एडेड कॉलेजों पर ही सख्ती से लागू होते हैं सारे नियम

- आईबीएम छात्रों को 30 परसेंट अटेंडेंस पर परमीशन, बाहरी कॉलेजों के लिए 75 फीसदी

KANPUR: सीएसजेएम यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाएं 5 मार्च से कराए जाने की तैयारी की जा रही है। परीक्षा में यूनिवर्सिटी के 1200 महाविद्यालयों के करीब 13 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा देंगे। लेकिन परीक्षा के लिए जरूरी 75 परसेंट अटेंडेंस के नियम पर यूनिवर्सिटी प्रशासन दोहरे मापदंड अपना रहा है। कैंपस में प्रोफेशनल कोर्स के स्टूडेंट्स को 30 परसेंट अटेंडेंस के बावजूद परीक्षा में बैठने की अनुमति दे रहा है जबकि बाहरी कॉलेजों में नियम को लेकर सख्ती दिखाई जा रही है।

आखिर दोहरा रवैया क्यों?

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने पिछले साल सिर्फ 10 परसेंट अटेंडेंस वाले आईबीएम के स्टूडेंट्स को एग्जाम की परमीशन दे दी थी। इस बार भी इसी संस्थान के स्टूडेंट्स को 30 परसेंट अटेंडेंस पर परीक्षा में बैठने की परमीशन दी गई है। इसे लेकर दूसरे कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट भी किया था। यूनिवर्सिटी के इस रवैए पर कॉलेजों के प्रिंसिपल भी नाराज हैं।

वर्जन

लगता है कि यूनिवर्सिटी के सारे नियम सिर्फ ऐडेड कॉलेजों के लिए ही बने हैं। जबकि सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।

प्रो। एएस भटनागर, प्रिंसिपल वीएसएसडी कॉलेज

वर्जन

यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाएं 5 मार्च से प्रपोज्ड हैं। परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स की अटेंडेंस 75 परसेंट अनिवार्य है।

सय्यद वकार हुसैन, रजिस्ट्रार सीएसजेएमयू

वार्षिक परीक्षा में कॉलेजों के प्रिंसिपल से अटेंडेंस के मैटर पर रिटेन में लिया जाता है। इसमें लिबर्टी नहीं दी जा सकती है। प्रोफेशनल कोर्स को कॉलेजों की अटेंडेंस से कम्पेयर नहीं किया जा सकता है।

प्रो। जेवी वैशम्पायन, वीसी सीएसजेएमयू