- बंदी सुजीत पासवान के आरोपों को जेल प्रशासन ने किया खारिज

- जेल की सीसीटीवी फुटेज में दीवार से सिर टकराने की घटना कैद

GORAKHPUR: लूट और चोरी के आरोप में जेल में बंद सुजीत पासवान के सभी आरोप खारिज हो गए हैं। जेल प्रशासन ने दावा किया है कि उसने खुद अपना सिर दीवार से टकरा लिया था। उसकी हरकत सीसीटीवी फुटेज में सामने आई है। सिर फोड़कर उसने हेडबार्डर और डिप्टी जेल पर पिटाई का आरोप लगाया। जेल अधिकारियों का कहना है कि पेशी से वह शराब के नशे में लौटता था। कई बार शिकायत सामने आने पर उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे गैर जनपद ट्रांसफर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

ट्रांसफर से बचने के लिए गढ़ी झूठी कहानी

रविवार को बंदी सुजीत की एक पर्ची वायरल हुई। उसने आरोप लगाया कि पेशी से लौटने पर उससे रुपए मांगे गए। जेल अधिकारियों ने उसे पीट दिया जिससे सिर फट गया। मामला सामने आने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जांच शुरू कर दी। इस दौरान पता लगा कि सुजीत की पिटाई नहीं हुई बल्कि उसने खुद ही दीवार में अपना सिर टकराकर फोड़ लिया। इसके बाद पिटाई का आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल की अफवाह फैला दी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि पहले सुजीत मिलेनियम बैरक में था लेकिन पेशी से लौटते समय वह शराब पीकर आने लगा। इसको देखते हुए सख्ती गई। उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद कर दिया गया। बैरक से निकलने के लिए वह भूमिका गढ़ रहा था। इस दौरान कुछ बंदियों के शिफ्ट होने के बाद से वह माहौल खराब करने में जुट गया।

रविवार को पर्ची भेजी, सोमवार को प्रेस नोट

जेल में बंद सुजीत ने रविवार को मुलाकात करने गए अपने भाई वीरू को एक पर्ची दी थी। सोमवार को उसके साथ हुई घटना से संबंधित प्रेस नोट अखबारों के दफ्तर में पहुंचा। सुजीत पासवान ने पर्ची के आरोपों का जिक्र प्रेस नोट में किया है। इसमें लिखा गया है कि हाई सिक्योरिटी बैरक के सभी बंदी भूख हड़ताल पर हैं।

बंदी सुन रहे रेडियो, शुरू हुआ सिस्टम

जेल में बंदियों के मनोरंजन के लिए रेडियो की व्यवस्था की गई है। एफएम रेडियो सुनाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया था। जिसके सहारे बंदियों को सुबह-शाम गाना सुनवाया जा रहा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि सुबह भजन कीर्तन से लेकर फिल्मी गानों का लुत्फ बंदी उठा रहे हैं। उधर मुलाकातियों और आंगतुकों के लिए जेल गेट पर मोबाइल लॉकर बनाया गया है। बंदियों से मिलने जाने वाले लोगों को मोबाइल सुरक्षित रखने में प्रॉब्लम होती थी। इसलिए लॉकर की व्यवस्था कर दी गई है। बंदी रक्षक की मौजूदगी में सभी लोग अपना मोबाइल सुरक्षित रखकर भीतर प्रवेश पा रहे हैं।

वर्जन

बंदी ने खुद अपना सिर फोड़ लिया था। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है। जेल की व्यवस्था खराब करने और बदनाम करने के लिए अफवाह फैलाई गई थी। ट्रांसफर होने के डर से कुछ बंदी गलत सूचना दे रहे हैं।

डॉ। रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक