नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को निजी अस्पतालों को चेतावनी दी और कहा कि कोरोना वायरस रोगियों के लिए बेड की कालाबाजारी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी निजी अस्पताल खराब हैं। कई अस्पताल अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन कुछ अस्पताल कोरोना वायरस के रोगियों के प्रवेश से इनकार कर रहे हैं। उनसे शुल्क के रूप में अतिरिक्त राशि की मांग कर रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं। अगर उन्हें लगता है कि वे अपने राजनीतिक संबंधों के प्रभाव का उपयोग करके बिस्तरों की कालाबाजारी कर पाएंगे, तो उनको बख्शा नहीं जाएगा।
कोरोना रोगी को भर्ती करने की आवश्यकता
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस विषय पर प्रकाश डाला। कुछ ही दिन पहले, एक लाइव टेलीविजन कार्यक्रम में एक न्यूज एंकर ने एक अस्पताल में फोन किया और एक बिस्तर के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि एक कोरोना रोगी को भर्ती करने की आवश्यकता है। अस्पताल ने मना कर दिया। जोर देने पर उन्होंने आठ लाख रुपये की मांग की थी। दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह एक मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया ताकि लोगों को कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध बेड और वेंटिलेटर की संख्या को ट्रैक करने की सुविधा मिल सके।
पारदर्शी जानकारी ने लोगों को सशक्त किया
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पारदर्शी जानकारी ने लोगों को सशक्त किया है। इससे बिस्तरों के काला बाजारी घोटाले को कम करने में मदद मिलेगी। लोग अब यह पता लगाने में सक्षम होंगे कि अस्पताल झूठ बोल रहा है या सही। हालांकि इस ऐप पर हंगामा हुआ जैसे कि कोई अपराध किया गया हो। बता दें कि अब तक देश में 2,36,657 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 6,642 पीड़ितों की माैत भी हो चुकी हैं।
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