- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर रेलवे पुलिस ने शुरू की पायलट प्रोजेक्ट योजना

6- प्लेटफार्म हैं बरेली जंक्शन पर

55000 - यात्रियों का रोज है आवागमन

40- से ज्यादा टैक्सी स्टेशन के बाहर खड़ी रहती हैं

350- खड़े रहते है टैंपो

200- खड़े रहते है ई रिक्शा

12- लोगों का थाने में आया है डाटा

बरेली : बरेली जंक्शन के बाहर खड़ी टैक्सियां अब जल्द ही आनलाइन होने वाली हैं। महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे पुलिस जंक्शन के बाहर सभी टैक्सियों में क्यू आर कोड जारी करेगी। जिसमें सभी टैक्सियों का डाटा फीड होगा, जिससे इन वाहनों की लोकेशन भी आरपीएफ ट्रेस कर सकेगी। इन टैक्सी में पैसेंजर्स के साथ किसी तरह की वारदात होने पर ड्राइवर को आसानी से पकड़ जा सकेगा।

क्या है मामला

रेलवे पुलिस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि स्टेशनों के बाहर जितनी भी टैक्सियां व अन्य वाहन खड़े रहते है। उनका कहीं भी रिकार्ड नहीं रहता है। अधिकतर वह स्टेशन पर अकेले आने वाली महिलाओं व छात्राओं को सस्ते किराया का लालच देकर अपनी टैक्सी व टेंपो में बैठा लेते है। इसके बाद वह उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं। जिससे क्राइम का ग्राफ बढ़ जाता है।

सुरक्षित होंगी महिलाएं

रेलवे के मुख्य जनंसपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर रेलवे मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। जिसमें अभी दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, लखनऊ, वाराणसी आदि बड़े स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। जिसमें रेलवे पुलिस ने स्टेशनों के बाहर सभी टैक्सियों के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं।

ऐसे काम करता है क्यू आर कोड टैक्सी डाइवर की सीट पर लगा क्यू आर कोड हिम्मत प्लस एप्लीकेशन से जुड़ेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर ड्राइवर का पूरा ब्योरा यात्रियों के पास होगा। अगर कोई टैक्सी चालक अपनी पैसेंजर से कोई गड़बड़ी करने का भी प्रयास करेगा तो पैसेंजर कॉल करके पुलिस में कंप्लेन कर सकेगा। जिससे उसे पकड़ना आसान हो जाएगा।

स्कैन करते ही आएगी फोटो

क्यू आर कोड स्कैन करते ही यात्री के मोबाइल पर टैक्सी चालक का फोटो दिखने लगेगा। इसके लिए यात्री को एड्रायड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से हिम्मत प्लस पर एप डाउनलोड करना होगा। इस एप की सहायता से क्यू आर कोड स्कैन करने के बाद यात्री को चालक का लाइसेंस, बैज, टैक्सी नंबर, मोबाइल नंबर समेत सभी जानकारी उपलब्ध होगी।

12 ड्राइवर्स ने दिया डाटा

रेलवे इंस्पेक्टर बलवीर तोमर ने बताया कि यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे की पायलट प्रोजेक्ट योजना है। इस योजना पर काम शुरू हो गया है। अभी ट्रैक्सी चालकों को बताया जा रहा है कि वह शीघ्र से शीघ्र अपनी गाड़ी का डाटा थाने में जमा कराएं। अभी तक 12 लोगों का डाटा थाने में आ गया है। सभी वाहनों का डाटा कलेक्ट होने के बाद वाहनों को क्यूआर कोड दिया जाएगा। आरपीएफ के कंट्रोल रूम से इन वाहनों पर नजर रखी जाएगी। वाहन में पैसेंजर के साथ वारदात की सूचना मिलते ही लोकेशन ट्रेस कर ड्राइवर को पकड़ लिया जाएगा।