डस्टबिन ना होने से कूड़े के ढेर की तस्वीर शेयर कर रहे लोग

डस्टबिन की कमी से मोहल्लों में खाली प्लॉट बने अस्थाई कूड़ाघर

Meerut। शहर को कूड़ा मुक्त बनाने और डस्टबिन के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम में अब शहर के लोगों के जुड़ने का सिलसिला भी बढ़ने लगा है। अभियान पर अपनी सहमति जताते हुए निगम की इस कमी को दूर करने के लिए शहर के लोग अपने क्षेत्र और अपने आसपास डस्टबिन ना होने से लगे कूडे़ के ढेर की तस्वीरें शेयर कर डस्टबिन की तलाश कर रहे हैं। हमारा भी प्रयास है कि निगम तक यह तस्वीरें पहुंचें और शहर में जिन जगहों पर डस्टबिन नही है वहां डस्टबिन का प्रबंध हो सके।

कर्मचारी भरपूर पर व्यवस्थाएं फेल

निगम के पास सफाई कर्मचारियों समेत सफाई मशीनों की भरमार है। 2240 से अधिक सफाई कर्मचारियो ंसमेत कूड़ा उठाने वाले छोटे वाहन, जेसीबी, ट्रैक्टर आदि की भरमार है। लेकिन इसके बाद भी शहर का कूड़ा कई कई दिनों तक साफ नही होता है। डस्टबिन की कमी के कारण मोहल्लों में खाली प्लॉट अस्थाई कूड़ाघर बन चुके हैं लेकिन निगम इन जगह पर कूड़ा डलने से रोक तो दूर उठवाने का कष्ट भी नही कर रहा है। हर वार्ड में 4 से 6 सफाई कर्मचारियों की तैनाती है लेकिन गलियों से लेकर नालियों में कूड़ा नही साफ होता। हर वार्ड में दो दो कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों की व्यवस्था है लेकिन अधिकतर मोहल्लों की संकरी गलियों से कूडा कलेक्ट नही होता जिस कारण से लोग खाली प्लॉट में ही कूड़ा फेंक देते हैं।

जुर्माने का आदेश भी हवा हवाई

कूड़ा जगह जगह या खाली प्लॉट में ना फेंके इसके लिए निगम ने जुर्माना वसूलने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक यह व्यवस्था भी अधर में अटकी हुई है। शहर के बैंक्वेट हॉल संचालकों को भी अपना कूड़ा खुद निस्तारित करने का आदेश दिया गया था लेकिन यह भी व्यवस्था अभी लागू नही हो पाई है। जिस कारण से बैंक्वेट हॉल, होटल, हॉस्पिटल का कूड़ा भी खुले में डाला जा रहा है। इनको उठाने में भी निगम की लापरवाही हावी है।

बल्क कूड़ा जेनरेट करने वाली संस्थानों पर नजर रखी जा रही है साथ ही साथ उनकी व्यवस्थाएं भी देखी जा रही हैं। निगम अब अस्थाई कूड़ाघरों को साफ करने में जुटा हुआ है कुछ समय बाद अस्थाई कूडेदान नही दिखेंगे।

डा गजेंद्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

मोहनपुरी में सफाई का यह आलम है कि निगम के कर्मचारी रोजाना सफाई के लिए आते तो हैं लेकिन खानापूर्ति करके चलते जाते हैं वहीं नया स्टील डस्टबिन तो मोहल्ले में अंदर शायद कहीं लगाया ही नही गया है। केवल कुछ जगह पर पुराने मूवेबल डस्टबिन लगे हुए हैं वो भी ओवर फ्लो रहते हैं।

मोहित

माधवपुरम में केवल मेन रोड पर ही स्टील डस्टबिन लगे हुए हैं। अंदर डिवाइडर रोड पर कहीं भी डस्टबिन नही हैं। खाली प्लॉट में खुद लोगों ने कूडेदान बना दिए हैं जबकि मेन रोड पर बने इन कूड़ेदान के कारण आसपास के लोगों को बीमारियों और गंदगी से जूझना पड़ता है।

राघव

शारदा़ रोड पर डस्टबिन के बावजूद भी कूड़ा सड़क पर ही बिखरा रहता है। कई जगह स्टील डस्टबिन तो रखे हुए हैं लेकिन इनको भी नियमित रुप से खाली नही करा जाता है जिस कारण से सड़क किनारे खुले में कूड़ा पड़ा रहता है।

अमन

शिवशक्ति नगर में निगम के कर्मचारियों का आना जाना बहुत कम होता है ना तो साफ सफाई है और डस्टबिन तो पूरे मोहल्ले में कहीं नही लगाए गए हैं। खाली प्लॉट पर लोगों ने कूड़ा फेंककर कूडे़दान बना दिए हैं।

सलेक चंद