Meerut । जीएसटी लागू हुए चार माह से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन जीएसटी को लेकर व्यापारियों की समस्याएं अभी भी कम होने का नाम नही ले रही हैं। सबसे अधिक परेशानियां गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क यानि जीएसटीएन पोर्टल की वर्किंग को लेकर आ रही हैं। टैक्स रिर्टन फाइल ना होने से परेशान व्यापारियों के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने उनकी समस्याओं को कर अधिकारियों के सामने रखकर समाधान का प्रयास किया है।

सवाल 1- मैंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाया और जीएसटी नंबर भी मुझे मिल गया। इसके बाद जब मैं जीएसटी भरने गया तो मुझसे सर्विस अकाउंटिंग कोड मांगा जा रहा है। यह कोड मेरे पास नहीं है। मेरे पास क्या विकल्प है।

- अमित अग्रवाल, साड़ी एसोसिएशन अध्यक्ष

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जबाव- जीएसटी रूल्स के तहत 1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को एचएसएन कोड या सर्विस कोड की जरूरत नहीं है। 1.5 से 5 करोड़ टर्नओवर पर दो डिजिट और 5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर पर 4 डिजिट में कोड देना होता है। हर प्रॉडक्ट या सर्विस के लिए अलग अलग कोड हैं। इसका सीबीईसी या दूसरे सरकारी हेल्पलाइन या पोर्टल पर पता कर सकते हैं।

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सवाल 2- जीएसटी में रिटर्न फाइल करने में परेशानियां आ रही हैं। इसके अलावा कंपोजिशन में पहली बार रिटर्न दाखिल करेंगे। लेकिन इसका फॉर्म ही अब तक उपलब्ध नहीं है। फार्मेट भी नहीं पता है। अभी तक जुलाई के रिटर्न नही भरे गए हैं।

- विनेश जैन, मेरठ डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन अध्यक्ष

जबाव- जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में जीएसटीएन नेटवर्क पर लोड के चलते स्लोडाउन की शिकायतें बीच बीच में आ रही हैं जिसे सरकार दूर करने की कोशिश कर रही है। कंपोजिशन फार्म उपलब्ध नहीं होने को भी जीएसटीएन ने संज्ञान में लिया है। नई टैक्स रिजीम का इकनॉमी या रोजगार पर वास्तविक असर देखने के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।

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सवाल 3- जिन व्यापारियों का टर्नओवर 20 लाख से कम है उन्हें जीएसटी नही देना है फिर भी उन्हें जीएसटी में माइग्रेशन के लिए कहा जा रहा है।

- अजित शर्मा, जेनरेटर एसोसिएशन अध्यक्ष

जबाव- जीएसटी काउंसिल के माध्यम से इसमे मदद मिल सकती है। क्योंकि यह सरकार का निर्णय है। इसमें जल्द ही अपडेट किया जाएगा।

सवाल 4- जीएसटीआर-1 में जब पंचिंग करते हैं तो पार्टी नेम आता है। जीएसटी के तहत अभी ट्रेड नेम की व्यवस्था नहीं है। कंप्यूटर में फीड करने के बाद जब प्रिंट लेते हैं तो उसमें कोई नाम नहीं होता। प्रिंट पर नाम होना चाहिए। इससे यह व्यवस्था आसान हो सकती है।

- मनोज अग्रवाल, दवा व्यापारी

जबाव- फाइलिंग के दौरान कई तरह की तकनीकी शिकायतें और सुझाव आ रहे हैं। इसके लिए आपको जीएसटीएन से संपर्क करना चाहिए। आपके सुझाव के आधार पर कई बदलाव में सहयोग मिल सकता है।

व्यापारियों की समस्याओं के निदान के लिए जीएसटी काउंसलिंग को बनाया गया है। व्यापारियों की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर और अधिकारियों के नंबर उपलब्ध हैं।

- पीपी सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर

टोल फ्री नंबर-

जीएसटी- 0522-2721944, 3312600