आगरा। अब आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक्सपर्ट की रिपोर्ट पर संरक्षा के उपाय किए जाएंगे। हादसों को रोकने को कई बिन्दुओं पर कार्य किया जाएगा। टीम दिल्ली से लेकर लखनऊ तक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। टीम की रिपोर्ट पर दोनों एक्सप्रेस-वे की संरक्षा के पुख्ता इंतजाम के अलावा हादसों को रोकने की कवायद होगी। गौरतलब है कि आठ जुलाई यमुना एक्सप्रेस-वे पर बस हादसे में 29 लोगों की जान चली गई थी।

टीम में आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ

केन्द्र सरकार के निर्देश पर एक्सप्रेस-वे की संरक्षा का ऑडिट कराने के लिए आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर दिनेश मोहन के साथ पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता सत्यप्रकाश, परवेज अहमद, पीके जैन, योगेश पवार समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। ये दिल्ली से लेकर लखनऊ तक ऑडिट करेंगे। एक्सप्रेस-वे की संरक्षा के लिए यूपीडा ने 4306 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।

इनके निर्धारण से होगी एक्सप्रेस-वे की संरक्षा

- डिवाइडर हटाकर थ्रार्ड पिलर लगाए जाने चाहिए।

- एक्सप्रेस थर्मो प्लास्टिक से प्रवेश

- हाईवे के किनारे मार्किंग की जानी चाहिए।

- टोल प्लाजा पर ऑन द स्पॉट चालान किए जाएं, क्योंकि वहां डिसप्ले बोर्ड पर गति का उल्लंघन स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है।

- गति उल्लघंन करने वाले सभी वाहनों का पोस्टल व ई-चालान किया जाए।

- गति उल्लघंन करने वाले वाहनों का पूरा विवरण जेपी इंफ्राटेक द्वारा संबंधित थानों व येडा को उपलब्ध कराया जाए।

- यमुना एक्सप्रेस के प्रत्येक पांच किमी। के दायरे में स्पीड अरेस्टर लगाया जाए।

- ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडर की संख्या में इजाफा होना चाहिए।

- यमुना एक्सप्रेस-वे के प्रवेश व निकास स्थानों पर टायरों के एयर प्रेशर एवं घिसावट को चेक करने के लिए जेपी द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

- यमुना एक्सप्रेस-वे का एक्सीडेंट डाटा बेस मैनेजेमेंट सिस्टम भी जेपी द्वारा विकसित करना चाहिए। ताकि वहां हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण किया जा सके।

- जागरूकता अभियान चलाया जाए।