- पहले केवल दो कंपनियां कर रही थीं एचसीक्यू का प्रोडक्शन

- मार्च से एचसीक्यू की डिमांड 8 से 10 गुना तक बढ़ी

देहरादून।

कोरोना अलर्ट के चलते हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा की डिमांड बढ़ने के साथ ही प्रोडक्शन भी बढ़ाया जा रहा है। पहले दो फार्मा कंपनी ही इस दवा का प्रोडक्शन कर रही थीं, अब सरकार की ओर से 40 कंपनियों को मास लेवल पर एचसीक्यू के प्रोडक्शन की अनुमति दे दी गई है। एचसीक्यू बीमारी के प्रोफाइलेक्सिस ट्रीटमेंट के लिए दी जाती है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन दिनों ये दवा दुनियाभर में काफी डिमांड में है। अमेरिका सहित कई देश भारी मात्रा में इस दवा को इंपोर्ट कर रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स के अनुसार कोविड-19 से फ्रंटलाइन लोहा ले रहे लोगों को कोरोना से बचाव के लिए कारगर सिद्ध हुई है। इसी को देखते हुए इंडिया में भी कई जगह इसका यूज बढ़ गया है। ऐसे में सरकार ने अब स्टेट में भी एचसीक्यू का प्रोडक्शन बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है।

सिर्फ दो कंपनी बना रही थी दवा

अब तक प्रदेश में केवल दो फार्मा कंपनी ही एचसीक्यू बना रही थी, इनमें इफ्का और डेफो हिल्स कंपनियां शामिल थीं। लेकिन कोरोना से बचने के लिए इफेक्टिव मानी जा रही एचसीक्यू की अब काफी डिमांड है। ऐसे में सरकार ने और फार्मा कंपनियों को भी एचसीक्यू बनाने का आर्डर दिया है। अब प्रदेश की 40 कंपनियां एसचीक्यू का प्रोडक्शन कर रही हैं, इनमें साइनोकेम, रिपराटॅक, सैल्यूट केयर समेत कई कंपनी शामिल हैं।

मार्च में बढ़ी डिमांड

- जनवरी, फरवरी में करीब 2000 स्ट्रिप हुईं सेल।

- मार्च में आठ से दस गुना तक बढ़ी डिमांड

- 60,353 स्ट्रिप्स की खपत सिर्फ दून में हुई।

- 200, 300, 500 एमजी की टैबलेट्स की हुई बिक्री।

कोरोना पॉजिटिव, फ्रंटलाइन स्टाफ को दे रहे डोज

हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से एचसीक्यू की काफी डिमांड की गई है। हेल्थ वर्कर्स के साथ ही पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, कोरोना पॉजिटिव व सस्पेक्टेड को यह दवा रेगुलर दी जा रही है। ऐसे में दून सहित पूरे स्टेट में इस दवा की खपत बढ़ी है।

दो बीमारी में काफी इफेक्टिव

एचसीक्यू का इस्तेमाल मलेरिया और आर्थराइटिस के इलाज में होता है। लेकिन, हाल ही में की गई स्टडी में इसे कोरोना इन्फेक्शन से बचाव में भी इफेक्टिव होने का दावा किया गया है। ऐसे में डिमांड बढ़ी लेकिन स्टेट में एचसीक्यू का प्रोडक्शन काफी कम था। इसे देखते हुए अन्य फार्मा कंपनियों की ओर से भी इसका प्रोडक्शन शुरू किया गया है।

अपनी मर्जी से न लें एचसीक्यू

भले ही कोरोना से बचाव में एचसीक्यू को इफेक्टिव कहा जा रहा हो, लेकिन इस दवा के काफी साइड इफेक्ट्स भी हैं। ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। भूल कर भी इस दवा को अपने-आप न लें।

ये रखें सावधानी

- हार्ट पेशेंट्स

- हाइपरटेंशन के पेशेंट्स

- किडनी से रिलेटेड पेशेंट्स

- प्रेग्नेंट महिलाएं

- छोटे बच्चे

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कोरोना पॉजिटिव के साथ ही सस्पेक्टेड को भी ये दवा दी जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए हेल्थ स्टाफ, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मियों को भी यह दवा उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन, कोई भी बिना डॉक्टरी परामर्श के इस दवा का सेवन न करे, ये नुकसान दे सकती है।

- डॉ। अनुराग अग्रवाल, नोडल अफसर कोरोना, दून हॉस्पिटल।

प्रदेश में अब तक केवल 2 ही फार्मा कपंनी इस दवा को बना रही थी। जबकि अब 40 से भी अधिक कंपनी इस दवा को प्रोडक्शन कर रही हैं। प्रदेश में ही नहीं यह दवा कंपनी अन्य राज्यों में भी इसकी सप्लाई की जा रही है।

- ताजबर सिंह , ड्रग कंट्रोलर, उत्तराखंड।