GORAKHPUR: यूनिवर्सिटी के एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए प्रमोशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देने की जरूरत है तभी यूपी की यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में भी सुधार हो सकेगा। वर्तमान में देश भर में 953 यूनिवर्सिटीज व 51000 कॉलेजेज हैं लेकिन संस्था खोलने मात्र से शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो सकता, जब तक कि शिक्षक क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन न दें। यह बातें डीडीयूजीयू की 38वीं कन्वोकेशन सेरेमनी में बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे यूजीसी चेयरमैन प्रो। डीपी सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि व‌र्ल्ड रैंकिंग में हमारी खराब पोजिशन चिंता का विषय है। टॉप की यूनिवर्सिटीज में अपना स्थान बनाने के लिए हमें शिक्षा कि क्वालिटी मेंटेन करनी होगी।

20 से अधिक शिक्षकों को मिला ग्रांट

उन्होंने बताया कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी अकेली यूनिवर्सिटी है, जहां 20 से अधिक शिक्षकों को क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन के लिए ग्रांट मिला है। यह यूनिवर्सिटी के बेहतर भविष्य का संकेत है। यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा, कंप्यूटर लैब, साइबर लैब जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस होने से स्टूडेंट्स को निश्चित ही अच्छी शिक्षा मिलेगी। आप सभी को गवर्नर का मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है इसलिए आप सब बेहतर कार्य कर रहे हैं।

न्यू स्टूडेंट्स के लिए होगा इंडक्शन

यूनिवर्सिटी, कॉलेज के पाठ्यक्रम में बदलाव शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए लर्निग आउट स्टैंडर्ड जैसे प्रोग्राम कराए जाएंगे। यही नहीं स्टूडेंट्स के लिए 'इंडक्शन प्रोग्राम' भी स्टार्ट किया जाएगा ताकि नए प्रवेशार्थियों को नई जानकारी मिल सके। यह छह दिन का 'मॉडल डेवलपमेंट प्रोग्राम' होगा। इस दौरान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के बारे में बताया जाएगा।

'जीवन कौशल' से कॅरियर होगा आसान

प्रो। डीपी सिंह ने कहा कि चूंकि आज इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का युग है। ऐसे में शिक्षा में बदलाव की जरूरत है जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। नॉलेज बेस्ड एजुकेशन सिस्टम हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए 'जीवन कौशल' स्कीम ला रहे हैं। स्टूडेंट्स के स्किल डेवलपमेंट व पर्सनालिटी डेवलपमेंट के साथ-साथ कम्यूनिकेशन स्किल डेवलपमेंट जैसे प्रोग्राम लाए जाएंगे इससे स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। वीके सिंह बधाई देते हुए कहा कि वीसी ने यूजीसी की गाइडलाइन को मानते हुए पांच गांव गोद लिए हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के स्टूडेंट्स के बीच शिक्षा को लेकर अलख जगाने का काम करेंगे।

नए शिक्षकों के 'फैकेल्टी इंडक्शन' व रिसर्च के लिए 'अर्पित'

प्रो। डीपी सिंह ने आगे कहा कि जो भी नए शिक्षक आएं है उनके लिए 'फैकेल्टी इंडक्शन प्रोग्राम' शुरू किया जाएगा। जिसमें शिक्षकों को बताया जाएगा कि वह स्टूडेंट्स को किस तरह से बेहतर शिक्षा दें। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी 'अर्पित' प्रोग्राम स्टार्ट करेगा। इस प्रोग्राम के तहत रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। नई स्कीम 500 करोड़ का प्रोजेक्ट है जिसके तहत यूनिवर्सिटी को ग्रांट दी जाएगी।

परामर्श स्कीम से होगी नैक ग्रेडिंग

यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि नैक ग्रेडिंग में यूनिवर्सिटी काफी पीछे हैं। यूपी की कोई भी यूनिवर्सिटी का नैक ग्रेडिंग में इंट्रेस्ट नहीं है जिसके लिए 'परामर्श स्कीम' बनाई जाएगी। परामर्श स्कीम के तहत पांच-पांच कॉलेजेज से परामर्श दाता समिति का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य कॉलेज को गाइड करेंगे और उन्हें सुविधा मुहैया कराएंगे। ग्रीन कैंपस के लिए सभी यूनिवर्सिटी में ईको फ्रेंडली सिस्टम के तहत कैंपस में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। जिसमें ग्रीन हार्वेस्टिंग, ग्रीन बिल्डिंग, स्वच्छ कैंपस आदि की सुविधा होगी।