- निगम की ओर से कराया जा चुका है सर्वे

- मेन मार्केट और प्रमुख मार्गो के किनारे होगी पार्किंग की व्यवस्था

- ट्रैफिक सिग्नल पर भी किया जाएगा फोकस

- पार्षद इंदौर का करेंगे दौरा

- आईआईएम इंदौर सबसे पहले ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने की करेगा कवायद

- संस्थान के डायरेक्टर ने मेयर से की मुलाकात

LUCKNOW:

बस कुछ दिन का इंतजार, फिर शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था पटरी पर आती नजर आएगी। इसके साथ ही सड़क किनारे भी वाहन खड़े नहीं दिखेंगे। वहीं अतिक्रमण फ्री स्ट्रीट होंगी। इसकी वजह यह है कि एमओयू साइन होने के बाद आईआईएम इंदौर की ओर से सबसे पहला फोकस शहर के ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने में किया जाएगा।

मार्केट-प्रमुख मार्गो पर फोकस

आईआईएम की ओर से एक्शन प्लान तैयार करने से पहले शहर का कई बिंदुओं पर सर्वे भी कराया जा चुका है। संस्थान की ओर से जो ट्रैफिक प्लान बनाया जाएगा, उसमें मुख्य रूप से मार्केट एरिया और प्रमुख मार्गो के किनारे पार्किग की व्यवस्था कराई जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पार्किग की व्यवस्था होने के बाद सड़क किनारे वाहन पार्क न हों।

स्वच्छता के लिए भी प्लान

स्मार्ट ट्रैफिक के साथ ही इंदौर की तर्ज पर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए भी कई बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से शत प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़े का उचित परिवहन इत्यादि बिंदु शामिल हैं।

ट्रैफिक सिग्नल पर भी काम

शहर में दो दर्जन से अधिक ऐसे प्वाइंट हैं, जहां ट्रैफिक सिग्नल की खास जरूरत है। इन प्वाइंट्स पर सिग्नल न होने की वजह से वाहन सवारों को जाम रूपी समस्या का सामना करना पड़ता है। संस्थान की ओर से तैयार कराए जा रहे प्लान में ट्रैफिक सिग्नल को भी प्रमुखता से शामिल किया गया है।

100 दिन बाद दिखेगा असर

संस्थान की ओर से करीब 100 दिन के बाद ट्रैफिक और स्वच्छता का प्लान निगम लखनऊ (स्मार्ट सिटी) को दे दिया जाएगा। इसके आधार पर ही शहर में एक्टिवेशन का काम शुरू होगा।

1 और 3 वर्षो का प्लान

आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो। हिमांशु राय ने लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया से उनके सिंगार नगर स्थित आवास पर मुलाकात की। संस्थान की ओर से कार्ययोजना के तहत 1 वर्ष और 3 वर्षो का प्लान बनाया गया है, जिसके प्रथम चरण में पॉजिटिव परसेप्शन बनाने के लिए फरवरी के सेकंड वीक में ही इंदौर आईआईएम के प्रोफेसर नगर निगम के अधिकारियों को ट्रेनिंग देंगे।

पार्षद भी जाएंगे इंदौर

मेयर सभी पार्षदों को दो शिफ्टों में इंदौर की सफाई व्यवस्था के लिए भ्रमण भी कराएंगी। वहां का अनुभव और प्रशिक्षण भी दिलाएंगी। इसके साथ ही बाजारों, हॉस्पिटल, सरकारी भवनों, कार्यालयों में सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए इंदौर मॉडल लागू किया जाएगा।