-मास्टरमाइंड गोपी की मदद से बनवाया था फर्जी लाइसेंस

-शहर के रवि आ‌र्म्स की दुकान से खरीदा था असलहा

-मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने पीपीगंज से किया अरेस्ट

GORAKHPUR: फर्जी लाइसेंस पर असलहा खरीदने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी प्रापर्टी डीलर विजय प्रताप को अरेस्ट कर लिया है। उसके पास से फर्जी लाइसेंस के अलावा रायफल, पिस्टल, दस कारतूस और फाच्र्यूनर कार बरामद की गई है। ओरापी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि मास्टरमाइंड गोपी की मदद से उसने लाइसेंस बनवाकर रवि आ‌र्म्स से असलहे खरीदे थे। शाहपुर के घोषीपुरवा निवासी विजय प्रताप पीपीगंज का है।

पुलिस लाइंस में एसपी सिटी डॉ। कौस्तुभ, एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गैंग बनाकर फर्जी ढंग से लाइसेंस बनवाए गए हैं। लाइसेंस पर असलहे भी खरीदे गए हैं। जांच के दौरान विजय का नाम सामने आया है। पुलिस उसकी तलाश में थी। इसी दौरान पता चला कि वह नेपाल भागने की फिराक में हैं। इस सूचना पर एएसपी रोहन बोत्रे, क्राइम ब्रांच सीओ प्रवीण सिंह की अलग-अलग टीमें पीपीगंज पहुंच गई। पीपीगंज पुलिस की मदद से आरोपी को असलहा व कार समेत दबोच लिया। उससे पूछताछ में पुलिस को कई और नाम का खुलासा हुआ है। एएसपी ने बताया कि असलहे के नंबरों पर टैंपरिंग कर दी गई थी। ताकि जांच के दौरान आसानी से पकड़ा ना जा सके। जहां तक विजय की बात है तो वह असलहे को लेकर बड़ी शान से घूमता था।

खरीदे थे 50 कारतूस, दस बरामद

विजय ने फर्जी लाइसेंस पर असलहा ही नहीं, 50 कारतूस भी खरीदे थे। दस कारतूस पुलिस ने बरामद किया है। अन्य कारतूस के बारे में भी जानकारी जुटा रही है कि वे लाइसेंस पर चढ़े या खरीदे भ्ाी गए हैं।

सात लोगों के नाम सामने आए

विजय से पूछताछ के बाद सात और लोगों के नाम सामने आए है। जिन्होंने फर्जी तरीके से असलहों की खरीदारी की है। पुलिस ने इनके नाम-पते के आधार पर जांच तेज कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द कई और चेहरे सामने आ जाएंगे।

विधायक बनने के लिए भौकाल किया था मेंटेन

पुलिस की पूछताछ में प्रापर्टी डीलर विजय प्रताप विधायक बनने के लिए भौकाल मेंटेन कर रहा था। लग्जरी गाडि़यों से चलने का भी शौक पाल रखा था। इसलिए उसने 2016 में फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाया। इसके बाद उसने 1999 में लाइसेंस पर रवि आ‌र्म्स की शॉप से असलहे खरीदा था। साथ ही असलहे की टैपरिंग करा ली जिससे को पकड़ ना पाए।