- भूमि के फर्जीवाड़े में पिस रहा पुलिस महकमा
- जिंदा और मृत बताकर जालसाज उठाते फायदा
GORAKHPUR: शहर में जमीनों के खरीद-फरोख्त में 'भूतों' की अहमियत बढ़ गई है। यह यकीन कर पाना मुश्किल है लेकिन आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। कई साल पूर्व जिनकी डेथ हो चुकी है, उनके नाम पर भूमि का बैनामा करा दिया जा रहा है। मामला सामने आने पर पुलिस हलकान हो रही है। भूमि के फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में महकमा दौड़ रहा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धोखाधड़ी के मामलों में एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाती है। हाल के दिनों में सामने आए केसेज में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
केस क्
फ्0 साल पूर्व मृत महिला को बता दिया जिंदा
खोराबार एरिया के बड़गो गेंहुआसागर निवासी इकबाल अहमद ने आरोप लगाया है कि उनकी दादी को जिंदा बताकर भूमि का बैनामा कराया गया था। उनकी दादी हाजरा की मृत्यु क्990 में हो गई थी। दूर के एक रिश्तेदार ने उनकी दादी की जगह दूसरी महिला को खड़ा करके उनके हिस्से की भूमि का बैनामा कर दिया। बिकी हुई भूमि का एक सपा नेता ने एग्रीमेंट कराया है। इस मामले में ख्ब् जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई गई। लेकिन सपा नेता के दबाव में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
केस ख्
पूर्व कमिश्नर की पत्नी को जिंदा करके किया फर्जीवाड़ा
गुलरिहा एरिया के भटहट-बांसथान रोड पर पूर्व कमिश्नर की पत्नी के नाम पर करोड़ों रुपए की भूमि का बैनामा जालसाजों ने कर दिया। फ्9 साल पूर्व कमिश्नर रहे सैयद सिद्दीकी हसन की स्वर्गीय पत्नी को जिंदा बताते हुए उनके पोते की फर्जी आईडी बनाकर जालसाजों ने सौदा कर दिया। मामले की जानकारी होने पर कैंट पुलिस ने क्क् के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज किया।
नए-नए पैंतरे अपना रहे जालसाज
शहर में भूमि की लगातार बढ़ती जा रही कीमतों को देखते हुए जालसाज भी नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। फ्0 से ब्0 साल पूर्व मृत हो चुके लोगों को जिंदा दिखाकर जालसाज लोगों की भूमि हड़पने में लगे हैं। भूमि बिकने पर जब असली मालिकान को जानकारी होती है तो वो थाने पहुंचते हैं। ऐसे में एक तरफ जहां भूमि के मामलों में पीडि़तों को परेशान होना पड़ता है। वहीं एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस भी हलकान हो रही है। विवेचना में अभियुक्तों को तलाशने से लेकर भूमि के दस्तावेज खंगलाने में दरोगाओं की सांसत हो रही।
जिले में चार सौ से अधिक मामले पेंडिंग
पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में भूमि के फर्जीवाड़ा से संबंधित करीब चार सौ मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं। इनमें क्भ् से ख्0 मुकदमे ऐसे हैं जिनमें किसी मृत व्यक्ति की जगह दूसरे को खड़ा करके बैनामा कराया गया। पीडि़त पक्षों का कहना है कि फर्जी तरीके से बैनामा कराने के मामले में जानकारी होने पर काफी भागदौड़ करनी पड़ती है। जालसाजों का रैकेट पुलिस को अर्दब में लेकर विवेचना प्रभावित करने का प्रयास भी करता है।
इन तरीकों से करते फर्जीवाड़ा
- जालसाजों का गैंग खाली पड़ी भूमि की जानकारी तहसील से लेता है।
- असली मालिक और उसके बारे में पूरी डिटेल जुटाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं।
- परिवार रजिस्टर में नाम शामिल कराने से लेकर परिचय पत्र तक फर्जी बनवाएं जाते हैं।
- फर्जी आईडी के सहारे रजिस्ट्री विभाग में किसी को खड़ा करके बैनामा करा दिया जाता है।
- मामला खुलने पर रजिस्ट्री का खारिज दाखिला नहीं हो पाता। लेकिन लंबी प्रक्रिया में काफी परेशान होना पड़ता है।
खरीद-फरोख्त में बरतें सावधानी
- किसी भी भूमि की सौदेबाजी के पूर्व उसके असलियत की जांच कराएं।
- भूमि के असली मालिक, रकबा, अराजी सहित अन्य की पड़ताल जरूर करें।
- गवाह और विक्रेताओं के बीच संबंधों की पड़ताल करें। फर्जी गवाह खड़े किए जाते हैं।
- किसी मामले में शक होने पर तहसील अधिकारियों को सूचना देकर कार्रवाई की मांग करें।
इन कागजात में करते हेराफेरी
परिवार रजिस्टर की नकल
आधार कार्ड
मतदाता कार्ड
इन आरोपों में दर्ज होती एफआईआर
धारा ब्क्9 - प्रतिरूपण द्वारा छल करना।
धारा ब्ख्0 - छल करना और बेइमानी से बहुमूल्य वस्तु, संपति देने के लिए प्रेरित करना।
धारा ब्म्7-ब्म्8- मूल्यवान प्रतिभूमि, वसीयत इत्यादि की कूट रचना।
धारा ब्7क्- कूट रचित दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख का असली रूप में प्रयोग करना।
वर्जन
अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं। इनमें मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जाती है। फर्जीवाड़ा में शामिल लोगों को अरेस्ट करके पुलिस जेल भेजती है। ऐसे फर्जीवाड़ा से बचने के लिए लोगों को सजग रहना चाहिए। किसी भी भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूरी पड़ताल करनी चाहिए।
डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी