ब्याज के रूप में शुल्क:

आजकल होम लोन पर बैंकों में यह शुल्क आम हो गया है। बैंक लोन के लिए चैक तैयार कर लेता है, लेकिन जरूरी दस्तावेज न मिलने तक आवेदक को नहीं देता है। ऐसे में आवेदक अगर 1 वीक के बाद दस्तावेज जमा करता है तो जितने दिन देरी होगी उतने दिनों के लिए बैंक आवेदक से ब्याज वसूलेगी। जैसे 1 करोड़ रुपये के लोन पर 9.50 प्रतिशत की दर से यह प्रतिदिन 2600 रुपये के हिसाब से वसूला जाता है। जिससे 10 दिन की देरी पर आवेदक को एक बड़ी रकम ब्याज की भुगतनी होगी। ऐसे में जरूरी है आवेदक लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपने सारे जरूरी दस्तावेज तैयार करके रख ले। ई.एम.आई.तिथि:

ई.एम.आई. मतलब मासिक किस्तें, ये होम लोन में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। बैंक मासिक किस्तों का आकलन होम लोन दिए जाने के 30 दिन बाद से किया जाता है। ऐसे में अगर ई.एम.आई. 30 दिन से पहले दी जाती है लागत काफी बढ़ जाती है। जैसे होम लोन 15 मार्च, 2016 को दिया गया है। ऐसे में इसकी जिसकी ई.एम.आई. अदा करने के लिए महीने की पहली तारीख आंकी गई तो आवेदक को 15 दिन (15 मार्च से 1 अप्रैल) का ब्याज ही अदा करना चाहिए। इसके बाद अगली ई.एम.आई. की गिनती 1 अप्रैल से की जाएगी।

बड़ी इश्योरेंस स्कीम:

अक्सर बैंक होम लोन के लिए ग्राहक को एक बड़ी रकम वाली इंश्योरेंस स्कीम लेने के लिए बाध्य करते हैं। इसके पीछे माना जाता है कि बैंको के बीमा कम्पनियों से गठजोड़ होते हैं। जिसकी वजह से ग्राहकों पर ये दबाव बनाते हैं। इस तरह की पॉलिसी की बिक्री पर बैंकों को बड़ा कमिशन मिलता है। यह बात तो सही है कि होम लोन पर सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी लेना जरूरी होता है लेकिन ग्राहकों के लिए कई सारे ऑप्शन होते हैं। वे अपनी पसंद से इंश्योरेंस स्कीम स्कीम का चुनाव कर सकते हैं।

क्रैडिट कार्ड पर जोर:

शुरू में होम लोन देते समय बैंक ग्राहक को कई सारी स्कीम फ्री में देने का वादा करते हैं। जैसे क्रेडिट कार्ड सुविधा आदि, लेकिन इसके बाद वे शुल्क वसूलने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि होम लोन आवेदक ऐसी चीजें लेने से साफ इंकार कर दें। वह अपनी जरूरत के हिसाब से चीजे लें न कि फ्री वाली सुविधा को देखकर उन चीजों का लाभ लें।

Personal Finance News inextlive from Business News Desk

Business News inextlive from Business News Desk