- नोटरी अधिकारी के फर्जी सिग्नेचर से जीडीए से पास करा लिया नक्शा

- नोटरी अधिकारी की 2014 में हो चुकी है मौत

- हकीकत जान जीडीए ने कराई एफआईआर लेकिन अभी तक नहीं किया नक्शा कैंसिल

GORAKHPUR: शासन प्रशासन की सख्ती के बाद भी फर्जीवाड़े पर लगाम नहीं लग पा रही है। जीडीए ऑफिस में हाल ही में आए एक रोचक मामले ने इस बात को साबित भी कर दिया है। बीते दिनों जीडीए में फर्जी नोटरी जमा कर नक्शा पास करा लिया गया जबकि जिस नोटरी अधिकारी के सिग्नेचर कागज पर थे उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी। टीचर की कंप्लेन पर जब इसकी जांच की गई तो मामला सही पाया गया। इस आधार पर कैंट पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर और उसके सहयोगियों पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद भी अभी तक जीडीए प्रशासन ने फर्जी नोटरी पर पास नक्शे को कैंसिल नहीं किया है। जिम्मेदार अभी भी इस पूरे मामले में केवल नोटिस-नोटिस ही खेल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी सही तरह जांच की जाए तो जीडीए के कई कर्मचारी भी इसमं इन्वॉल्व पाए जाएंगे।

पहले किया कैंसिल, फिर किया पास

अशोक नगर कॉलोनी के रहने वाले रत्नेश मिश्रा पेशे से टीचर हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बशारतपुर के रणधीर सिंह ने फर्जी डॉक्युमेंट लगाकर जीडीए कर्मचारी की मिलीभगत से नक्शा संख्या 1415भ्/ 2017 पास करा लिया। जबकि इसी नक्शे को इससे पहले जीडीए प्रशासन ने रोड बाइंडिंग दिखाकर कैंसिल कर दिया था।

फर्जी सिग्नेचर कर तैयार की नोटरी

रत्नेश का आरोप है कि शपथ पत्र पर नोटरी अधिकारी के सिग्नेचर 16 अक्टूबर 2017 का है जबकि उनकी मृत्यु 31 अक्टूबर 2014 को ही हो चुकी है। आरोप है कि रणधीर सिंह ने खुद ही फर्जी सिग्नेचर किया है।

भवन पर कर लिया कब्जा

रत्नेश का आरोप है कि मकान संख्या 239 बी का उन्होंने पंजीकृत बैनामा कराया था जिसपर रणधीर सिंह ने कब्जा कर लिया है। उनका ये भी आरोप है कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो फिर उस केस में कैसे नक्शा पास करा लिया गया।

तैयार हो गया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

रत्नेश जिस भवन को अपना बता रहे हैं उसको गिरवाकर प्रॉपर्टी डीलर ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तैयार करवा लिया है। आरोप है कि तीन साल पहले पुलिस की मदद से प्रॉपर्टी डीलर ने जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया था।

चल रहा नोटिस का खेल

जीडीए प्रशासन इतना सब कुछ होने के बाद भी मौन बना हुआ है। टीचर ने बताया कि इस पूरे मामले में प्रॉपर्टी डीलर को जवाब देने के लिए एक नोटिस दी गई थी। जिसका काफी समय बीत जाने बाद भी अभी तक नक्शा कैंसिल नहीं किया गया है। इस मामले में कमिश्नर ने भी जीडीए को लेटर भेज कर जांच कर जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

दोनों पार्टियों को जीडीए में बुलाया

सूत्रों की मानें तो इस मामले में दोनों ही पार्टियों को अपने डॉक्युमेंट के साथ 30 अगस्त को बुलाया गया है। इसी दिन पूरे मामले का फैसला होने की उम्मीद है।

वर्जन

फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर एफआईआर कराई गई है। आगे भी इस मामले की जांच कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

- अन्नावि दिनेश कुमार, जीडीए उपाध्यक्ष