यह है मामला

ब्रह्मपुरी एरिया में शारदा रोड स्थित मकान नंबर 163 में नरेश परिवार के साथ रहता है। नरेश के बेटे मोहित ने डीएन कॉलेज से बीकॉम किया था। वह आसपास के इलाके में खुद को नौकरीपेशा बताता था। मंगलवार को नरेश के घर से आसाम की रहने वाली एक युवती को बंधन मुक्त कराया गया था, जिसका प्रेमी उसको आसाम से पिकनिक के बहाने दिल्ली लेकर आया था। जहां उसने उसे बेच दिया। इस युवती को मेरठ का रहने वाला मोहित खरीदकर ले आया था। इसके बाद उसको देह व्यापार में धकेला जा रहा था।

ये पकड़े गए

पकड़े गए आरोपियों में मुख्य आरोपी मोहित उसकी मां रजनी उर्फ सुनीता और हिरदेश नाम का व्यक्ति शामिल थे। पीडि़त युवती की ओर से आरोपी दंपति, उसके बेटे व एक व्यक्ति और दो आसाम के व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें पुलिस ने देह व्यापार, रेप, खरीद-फरोख्त और अन्य कई धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया था। बुधवार को सभी आरोपी कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिए गए। वहीं युवती को नारी निकेतन भेज दिया गया।

मोहित है फर्जी

आरोपी मोहित खुद को आस-पड़ोस में खुद को सीए बताता था। जब पकड़ा गया तब भी खुद इसी पद पर बता रहा था। आखिर में पुलिस ने इसके बारे मे तफ्तीश की तो आरोपी की पोल खुली। वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया की मेरठ ब्रांच ने भी मोहित के सीए नहीं होने की पुष्टि की। सीआईआरसी मेरठ ब्रांच के चेयरमैन सीए अनुपम शर्मा ने इसका विरोध जताया। उन्होंने कहा कि आरोपी सीए नहीं है।