हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से चीफ जस्टिस को लिखा गया लेटर

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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर एक जून से खुली अदालत में सुनवाई कराने की मांग की है। लेटर में कहा गया है कि संस्था को कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर वादकारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए न्याय देने पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरेंद्रनाथ सिंह, निवर्तमान अध्यक्ष राकेश पांडेय, नवनिर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र व निवर्तमान महासचिव जेबी सिंह ने मुख्य न्यायाधीश से न्यूनतम उपस्थिति में कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के उपायों व केंद्र सरकार की गाइड लाइन के तहत खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था कराने की वकालत की है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी हो बहस

पत्र में कहा गया है कि खुली अदालत में सुनवाई के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की सुविधा दी जाए। अर्जेसी अर्जी तय करने में एकरूपता नहीं है। एक ही तरह के केस में किसी को सुना गया तो कइयों की अर्जी निरस्त कर दी गयी। इससे वादकारियों में लागू की गई प्रक्रिया व अधिवक्ताओं के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है। वेब लिंक न मिलने के कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की व्यवस्था विफल हो गयी है। वकील को सुने बगैर जमानत अर्जी तय की जा रही है। कई में लंबी तारीख दी गई है, जबकि कई को खारिज किया गया है। जेलों में बंद कैदियों की कोविड-19 से सुरक्षा उपायों की व्यवस्था नहीं है। कई आरोपित अपराध की अधिकतम अवधि बिताने के बावजूद जेल मे बंद हैं। कई मुकदमों की सुनवाई वकीलों के वीडियो लिंक न मिलने से टल गयी है। ई-फाइलिंग से तकनीकी न्याय व्यवस्था खामियों के साथ वादकारी अधिकारों की सुरक्षा नहीं कर सकती।