सिटी पर पड़ता है नेपाल बंद का असर

नेपाल जाने वाले ज्यादातर टूरिस्ट गोरखपुर होकर आते-जाते हैं। नेपाल में होने वाली किसी हलचल पर नेपाल जाने वाले व्हीकल को बार्डर पर रोक दिया जाता है। बढऩी, खुनवा, सोनौली, महेशपुर, बुटवल, भैरहवा सहित कई जगहों पर उत्पात होने से नेपाल जाने वाले लोगों की टेंशन बढ़ गई है। बंद के पहले दिन काठमांडू में गोरखपुर से गए लोगों की कार पर हमले से सनसनी फैल गई थी। हालांकि नेपाल बंद समर्थकों का उत्पात देखते हुए टूरिस्ट की व्हीकल को स्कोर्ट किया जा रहा है। लेकिन इसका असर बार्डर पर दिखने लगा है।

सुविधा बंद होने से देना पड़ रहा है भड़सार

नेपाल से नजदीकी स्टेशन पर कोई भी नेपाली वाहन बिना भड़सार के ले जाया जा सकता है। नेपाल निवासी डॉ। प्रदीप मिश्रा ने बताया कि बार्डर एरिया में रहने वाले लोग नजदीक के बाजार में आराम से आते-जाते हैं। डेलीयूज के सामान ले आने-जाने में कोई रोक टोक नहीं होती। इसको बार्डर एरिया में सुविधा के नाम से जाना जाता है, लेकिन नेपाल बंद को देखते हुए सुविधा बंद कर दी गई है। बार्डर एरिया में लोकल मूवमेंट के लिए लोगों को भड़सार देना पड़ रहा है।

गार्डों की गई भर्ती, मांगे गए 20 हजार सैनिक

नेपाल से जुड़े लोगों का कहना है कि इलेक्शन को देखते हुए अस्थाई रूप से गार्डों की भर्ती की गई है। इसके लिए गार्डों को इनको 38 हजार प्रति मंथ के हिसाब से पेमेंट दी जाएगी। इसके अलावा नेपाल से जुड़े 20 हजार सैनिकों की डिमांड इलेक्शन में की गई है। बंद में हिंसा को देखते हुए मुख्य रास्तों के साथ छोटे- मोटे रास्तों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। किसी के आने जाने पर पूरी पाबंदी लगा दी गई है। इस वजह से टूरिस्ट की मुसीबत ज्यादा बढ़ सकती है।

नेपाल बंद को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। महराजगंज के एसपी को वायरलेस किया गया है। इंडिया से जाने वाले टूरिस्ट की सिक्योरिटी हमारी प्राथमिकता में है।

पीके सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी