- आंगनबाड़ी वर्कर्स को अनशन से उठाने आई पुलिस के साथ जमकर हंगामा

- पुलिस ने अनशन पर बैठी एक आंगनबाड़ी वर्कर को पहुंचाया हॉस्पिटल

- वर्कर्स का डेलिगेशन मंत्री से गया मिलने तो मंत्री ने जमकर लगाई फटकार

देहरादून।

एक माह से ज्यादा वक्त से हड़ताल पर डटीं आंगनबाड़ी वर्कर्स ने वेडनसडे को सिस्टम पर हल्लाबोला। परेड ग्राउंड में उस समय आंगनबाड़ी वर्कर्स ने जमकर हंगामा किया जब अनशन पर बैठीं दो आंगनबाड़ी वर्कर्स को उठाने पुलिस पहुंची। इस दौरान पुलिस का विरोध किया और जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी को भी आंगनबाड़ी वर्कर्स ने धकेल दिया। विरोध के बीच पुलिस सिर्फ एक आंगनबाड़ी वर्कर को ही फोर्स फीडिंग के लिए दून हॉस्पिटल पहुंचा पाई। वहीं, वर्कर्स का एक डेलिगेशन बाल विकास राज्य मंत्री से मिलने उनके कैंप ऑफिस पहुंचा, मंत्री ने उन्हें काम पर लौटने की हिदायत देकर आंदोलन पर कड़ी नाराजगी जताई। विभागीय स्तर पर पहले ही नो वर्क-नो पे की चेतावनी जारी की जा चुकी है। लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर्स का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, वे काम पर नहीं लौटेंगी।

बुद्धि-शुद्धि यज्ञ के बाद हंगामा

9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले वर्ष 9 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं। वेडनसडे को परेड ग्राउंड में आंगनबाडी वर्कर्स का आमरण अनशन जारी रहा, वहीं सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए उन्होंने धरनास्थल पर यज्ञ किया। इसी दौरान प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस की टीम धरनास्थल पहुंची और अनशन पर बैठीं दो आंगनबाड़ी वर्कर्स में से नीलम पालीवाल को उठाकर फोर्स फीडिंग के लिए ले जाने लगी, इस पर वर्कर्स का पारा चढ़ गया और उन्होंने पुलिस को घेर लिया। किसी तरह नीलम पालीवाल को तो पुलिस उठाकर दून हॉस्पिटल ले गई, जब दूसरी आंगनबाड़ी वर्कर मनोरमा को पुलिस उठाने लगी तो हंगामा बढ़ गया और पुलिस को वापस लौटना पड़ा।

प्रशासनिक अधिकारी को धकेला

इसी दौरान पुलिस के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी मथुरा प्रसाद जोशी के साथ भी आंगनबाड़ी वर्कर्स की तीखी नोक-झोंक हुई। वर्कर्स की भीड़ ने प्रशासनिक अधिकारी को धकेल दिया वे गिर पड़े। हालांकि, पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया। इधर आंगनबाड़ी-सहायक संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि सरकार का तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मांगें पूरी होने से पहले वे आंदोलन जारी रखेंगी।

दो आंगनबाड़ी वर्कर्स को आई चोट

पुलिस और आंगनबाड़ी वर्कर्स के बीच नोक-झोंक और धक्का-मुक्की के बीच दो आंगनबाड़ी वर्कर्स को चोटें आईं। सुमति थपलियाल के पैरे में चोट लगी तो रामदेही के हाथ पर चोट आई। काफी देर हंगामा चलता रहा, उसके बाद कहीं पुलिस ने मामला शांत कराया।

ये है मागें

- आंगनबाड़ी वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए।

- राज्य कर्मी घोषित करने तक आंगनबाड़ी वर्कर्स को 21 हजार , हेल्पर को 18 हजार मानदेय मिले।

- मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को समान काम , समान वेतन दिया जाए।

- आंगनबाड़ी हेल्पर को 100 परसेंट प्रमोशन दिया जाए।

- गे्रच्युटी और ईएसआईपी की सुविधा दी जाए।

- आगंनबाड़ी में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी एजुकेशन की व्यवस्था हो।

- पोषण अभियान की प्रोत्साहन राशि बकाया समेत दी जाए।

- 25 दिसम्बर से 10 जनवरी शीतकालीन और 10 से 25 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाए।

- आंगनबाड़ी वर्कर्स की बेटियों को नंदा देवी , गौरा देवी कन्या धन योजना का लाभ दिया जाए।

विभागीय मंत्री ने लगाई फटकार

वेडनसडे को आंगनबाड़ी वर्कर्स का एक प्रतिनिधिमंडल बाल विकास मंत्री से मुलाकात करने उनके कैंप ऑफिस पहुंचा तो मंत्री ने बेमियादी हड़ताल को लेकर डेलिगेशन को जमकर लताड़ लगाई। कहा कि प्रदेश हड़ताली प्रदेश बन चुका है, ऐसे में उनका आंदोलन का कदम अनुचित है, वे तुरंत काम पर लौटें। मानदेय बढ़ाने व अन्य मांगों पर उन्होंने आश्वासन दिया कि बजट सत्र के दौरान उनकी मांगें सदन के पटल पर रखी जाएंगी। लेकिन, वे काम पर लौटें।

मुझे लगातार कंप्लेन मिल रही है

बाल विकास राज्य मंत्री ने आंगनबाड़ी वर्कर्स के डेलिगेशन से कहा कि उन्हें लगातार कंप्लेन्स मिल रही हैं, जो ठीक नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं और लाभार्थियों को पोषण नहीं मिल रहा। मांगों को लेकर आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन फिर भी वर्कर्स काम पर नहीं लौट रहे। कहा कि वे आंगनबाड़ी वर्कर्स के खिलाफ कोई विपरीत कार्रवाई नहीं कर रही हैं। इसलिए वे तत्काल काम पर लौट जाएं।

- जब तक हमारी 9 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंगनबाड़ी वर्कर्स किसी भी सूरत में काम पर नहीं लौटेंगी। सरकार ने तानाशाही रवैया ऐसे ही जारी रहा तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। पहाड़ी जिलों से भी दून में आंगनबाड़ी वर्कर्स जुट रही हैं।

रेखा नेगी, प्रदेश अध्यक्ष। आंगनबाड़ी कार्यकत्री-सहायिका संगठन।