RANCHI: हिंदपीढ़ी ग्वाला टोली के 18 साल के एक लड़के की इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर जान चली गई। लड़के की मौत के बाद परिजन व मोहल्ले के लोगों में काफी उबाल है, मोहल्ले वाले आसिफ की मौत के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराते रहे और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की। इस मांग को लेकर मोहल्ले वाले सड़क पर उतर गए और प्रशासन का भारी विरोध करते हुए न्याय की मांग करने लगे। जानकारी के अनुसार, ग्वाला टोली निवासी राजा नामक शख्स के 18 साल का बेटा आसिफ चार दिन पहले पेट में दर्द होने की शिकायत पर अंजुमन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, वहां इंजेक्शन व स्लाइन चलने के बाद उसकी तबीयत ठीक हो गई थी, वहां से ईद के दिन दोपहर में 2 बजे घरवाले छुट्टी कराकर घर ले गए थे।

अल्ट्रासाउंड की थी सलाह

अंजुमन के डॉक्टर एकरामुल ने उसे अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी थी। बुधवार सुबह फिर से आसिफ के पेट में दर्द होने लगा, सुबह 6 बजे परिजन आनन-फानन में लड़के को लेकर कांटाटोली स्थित डॉ एकरामुल के नर्सिग होम में गए, जहां 3 घंटा इंतजार करने के बाद अल्ट्रासाउंड करने वाला टेक्नीशियन आया और तेज बुखार होने की बात कहकर अल्ट्रासाउंड करने से इनकार कर दिया।

बुखार देख कहा कोरोना जांच

9 बजे के लगभग परिजन उसे लेकर गुरुनानक अस्पताल भागे। वहां भी डॉक्टरों ने तेज बुखार को देखते हुए उसे कोरोना जांच करने के बाद ही अल्ट्रासाउंड करने की बात कही। तब वहां से परिजन उस लड़के को लेकर रिम्स ले जाने लगे, लेकिन उसी दौरान ओवरब्रिज पार करते वक्त ही लड़का पेट दर्द से तड़पने लगा और उसी वक्त उसका अपेंडिक्स फट गया। उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

उग्र हुए लोग, कहा करेंगे केस

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद हिंदपीढ़ी ग्वाला टोली के लोगों में काफी गुस्सा हो गया और लोग डॉक्टर एकरामुल को आसिफ की मौत का जिम्मेदार बताने लगे। इस संबंध में आम लोगों के मशवरे के बाद डॉक्टर एकरामुल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया गया।

बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

युवक की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने बुधवार को हंगामा किया। लोगों का कहना है कि युवक की मौत इलाज के अभाव में हुई है। समय रहते अगर उसका इलाज होता तो उसकी जान नहीं जाती। हंगामा के दौरान इलाके में भारी संख्या में लोग धरने पर बैठ गएं। स्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

हटाओ कंटेनमेंट जोन

हंगामा कर रही भीड़ की मांग थी कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई हो और हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से बाहर निकाला जाए। लोगों का कहना है कि पिछले 2 महीने से हिन्दपीढ़ी को हॉटस्पॉट बताकर कंटेनमेन्ट जोन बनाकर रखा गया, इसके बावजूद भी शहर में राज्य में और पूरे देश में कोरोना बीमारी फैल रही है। कंटेनमेंट जोन होने के कारण हिन्दपीढ़ी के लोग कई सुविधाओं से वंचित हैं और वहां किसी भी घर में मौत अब आम बात हो गई है।

पुलिस के आश्वासन पर धरना खत्म

लोगों का कहना है कि कंटेनमेंट जोन में रहने के कारण हिंदपीढ़ी के लोगों को समय से चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। हिंदपीढ़ी से फोर्स हटाने की मांग को लेकर गुरुनानक स्कूल में बने कंट्रोल रूम के पास धरने पर बैठ गये। मौके पर पहुंचे एसपी यातायात अजीत पीटर डुंगडुंग और डीएसपी कोतवाली अजीत कुमार विमल ने लोगों को समझाया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद भीड़ शांत हुई और धरने से हटी।

पहले भी कई बार हो चुका है हंगामा

राजधानी रांची में कोरोना का हॉटस्पॉट रहा है हिंदपीढ़ी इलाका। इस वजह से पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। इस दौरान अक्सर किसी न किसी बात को लेकर अक्सर हंगामा होता रहा है। पहले भी कोरोना जांच को लेकर यहां के लोगों की स्वास्थ्यकर्मियों और सुरक्षाबलों के साथ झड़प हुई थी। इसके बाद असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया था। और अब युवक की मौत के बाद हंगामा किया गया।