- एचआईवी को लेकर बढ़ रही अवेयरनेस, शादी से पहले लड़की वाले मांग रहे जांच रिपोर्ट

- मेट्रो सिटीज में जॉब कर रहे लड़के करा रहे जांच

<- एचआईवी को लेकर बढ़ रही अवेयरनेस, शादी से पहले लड़की वाले मांग रहे जांच रिपोर्ट

- मेट्रो सिटीज में जॉब कर रहे लड़के करा रहे जांच

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: एचआईवी के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ रही है। अब शादी से पहले केवल जन्म कुंडली ही नहीं बल्कि एचआईवी रिपोर्ट भी मैच कराई जा रही है। ऐसे कुछ मामले मेट्रो सिटीज में जॉब करने वाले लड़कों के साथ पेश आए हैं। जिनमें शादी तय होने से पहले ही लड़की वालों ने बिना झिझक लड़के की एचआईवी जांच की मांग की है। हालांकि ऐसे मामलों में कहीं वर पक्ष राजी हो गया तो कहीं रिश्ते बनने से पहले ही टूटने के कगार पर आ गए।

जब लड़की ने मांग ली रिपोर्ट

ऐसा एक मामला इलाहाबाद शहर का है। धूमनगंज एरिया की रहने वाली ऋचा <एचआईवी के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ रही है। अब शादी से पहले केवल जन्म कुंडली ही नहीं बल्कि एचआईवी रिपोर्ट भी मैच कराई जा रही है। ऐसे कुछ मामले मेट्रो सिटीज में जॉब करने वाले लड़कों के साथ पेश आए हैं। जिनमें शादी तय होने से पहले ही लड़की वालों ने बिना झिझक लड़के की एचआईवी जांच की मांग की है। हालांकि ऐसे मामलों में कहीं वर पक्ष राजी हो गया तो कहीं रिश्ते बनने से पहले ही टूटने के कगार पर आ गए।

जब लड़की ने मांग ली रिपोर्ट

ऐसा एक मामला इलाहाबाद शहर का है। धूमनगंज एरिया की रहने वाली ऋचा ((परिवर्तित नाम<परिवर्तित नाम) ) का रिश्ता सोरांव के एक किसान परिवार में तय हुआ था। लड़का इस समय मुंबई की एक फर्म में पिछले चार साल से सुपरवाइजर है। शादी तय होने से पहले ही लड़की ने वर पक्ष से लड़के की एचआईवी जांच की मांग कर डाली। काफी ना-नुकुर के बाद आखिर लड़के वालों को राजी होना पड़ा। इसी तरह दूसरे मामले में पेशे से फूलपुर की रहने वाली स्कूल टीचर दिव्या <का रिश्ता सोरांव के एक किसान परिवार में तय हुआ था। लड़का इस समय मुंबई की एक फर्म में पिछले चार साल से सुपरवाइजर है। शादी तय होने से पहले ही लड़की ने वर पक्ष से लड़के की एचआईवी जांच की मांग कर डाली। काफी ना-नुकुर के बाद आखिर लड़के वालों को राजी होना पड़ा। इसी तरह दूसरे मामले में पेशे से फूलपुर की रहने वाली स्कूल टीचर दिव्या ((परिवर्तित नाम<परिवर्तित नाम) ) ने भी दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रहे लड़के से शादी के पहले एचआईवी जांच की पेशकश की थी।

क्यों बढ़ रही जागरुकता, कहां है ज्यादा रिस्क फैक्टर

मेट्रो सिटीज में रहकर जॉब करने वाले लड़कों से आखिर क्यों इस तरह की जांच की मांग की जा रही है। इसके पीछे रिस्क फैक्टर छिपा हुआ है। आंकड़ों पर जाएं तो इस समय इलाहाबाद में आठ हजार से अधिक एचआईवी-एड्स मरीज रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 70 फीसदी मामले में माइग्रेट्स के हैं। यह वह लोग हैं जो दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, बंग्लुरु, सूरत जैसी व्यवसायिक और मेट्रो सिटीज में रहकर जॉब कर रहे थे। लौटने के बाद इन्होंने अपने परिवार को सौगात में जानलेवा बीमारी दे दी। यही रीजन है कि लोगों में जागरुकता बढ़ रही है और वह कुंडली मिलाने के साथ मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग भी कर रहे हैं।

कहां मिले हैं ज्यादा केसेज

लाख कोशिशों के बावजूद एचआईवी के मामले रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। जिस तेजी से लोगों में जागरुकता बढ़ रही है, उसी तेजी से केसेज की संख्या में बढ़ोतरी बनी हुई है। हेल्थ डिपार्टमेंट को लगातार दो सालों से जिले के करछना, फूलपुर, सोरांव और हंडिया तहसील में एचआईवी जांच और अवेयरनेस कैंप लगाना पड़ रहा है। क्योंकि सबसे ज्यादा इन्हीं इलाकों के लोग माइग्रेट करके दूसरे शहरों में कमाने जाते हैं और पॉजिटिव केसेज की संख्या भी यही ज्यादा पाई गई है। कैंप के दौरान लगातार फीवर आने, कमजोरी और वजन कम होने के लक्षण पर एचआईवी जांच कराने की सलाह दी जा रही है। असुरक्षित यौन संबंधों के चलते लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।

कांफिडेंशियल रखा जाता है डाटा

खुद ऑफिसर्स भी मानते हैं कि एचआईवी-एड्स के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। पॉजिटिव पाए जाने वाले केसेज में मरीजों की काउंसिलिंग की जाती है और उनकी डिटेल हर हाल में गोपनीय रखने की कोशिश की जाती है। यहां तक कि पति की सहमति पर ही पत्‍‌नी को इस बारे में बताया जाता है। अगर कोई जोड़ा शादी से पहले अपनी जांच के लिए तैयार है तो उनकी काउंसिलिंग कर उनको विश्वास में लिया जाता है। इसके बाद आगे का प्रॉसेस शुरू होता है।

- अगर शादी से पहले कोई अपनी एचआईवी जांच कराता है तो इसका वेलकम किया जाना चाहिए। यह तो सोसायटी की मोरल रिस्पांसिबिलिटी है। हमारी ओर से भी सभी तरह के डाटा गोपनीय रखे जाते हैं। जिन एरियाज में माइग्रेंट्स ज्यादा हैं वहां पर लोगों को होशियारी बरतने की सलाह दी जाती है।

डॉ। ओपी शाही, डीटीओ, इलाहाबाद