आगरा (ब्यूरो)। किसी भी वारदात के समय पीडि़त द्वारा कंट्रोल रूम पर फोन किया जाता है तो सबसे पहले घटनास्थल पर पीडि़त की हेल्प के लिए पीआरवी वेन पहुंचती है। पुलिस को देख अपराधी मौके से भाग जाते हैं या फिर किसी तरह के हथियार या साक्ष्य को मौके से हटा दिया जाता है। इससे पुलिस को क्रिमिनल्स के खिलाफ एवीडेंस जमा करने में समस्या का सामना करना पड़ता था। इसके साथ ही रात के अंधेरे में क्रिमिनल्स भागने में सफल हो जाते थे, लेकिन पीआरवी में लगे हाईटेक कैमरे वारदातस्थल को अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे। इसके साथ ही नाइट विजन में भागते हुए क्रिमिनल्स की एक्टिविटीज को भी रिकॉर्ड किया जा सकेगा।

क्रिमिनल्स को जेल पहुंचाएंगे साक्ष्य

अक्सर देखा गया है कि क्रिमिनल्स साक्ष्यों के अभाव में जेल से रिहा हो जाते हैं। पीआरवी वेन में लगे हाईटेक कैमरे मौके से साक्ष्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे, जिससे पुलिस रिकॉर्ड घटनाक्रम को साक्ष्यों के रूप में प्रयोग कर सकेगी। क्रिमिनल्स के खिलाफ मिले मजबूत साक्ष्य उसे जेल तक पहुंचाने में कारगर साबित होंगे। इसके साथ ही पुलिस पर भी कई साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगते रहे हैं, पीआरवी वेन में लगे हाइटेक कैमरे इस तरह के आरोप-प्रत्यारोपों से पुलिस को निजात मिल सकेगी।

शहर और देहात पीआरवी हुई अपग्रेड

जनपद में कुल 43 थाने हैं, जहां 76 पीआरवी वेन्स हैं। ग्रामीण इलाकों के थानों में एक से तीन पीआरवी हैं, जबकि शहर के हर सर्किल में 9 से अधिक पीआरवी हैं। पीआरवी को नेतृत्व करने वाले एचसीपी को ट्रेनिंग देकर परफेक्ट किया गया है। हाईटेक कैमरे नाइट विजन में भी अपराधियों पर नजर रखने का कार्य कर सकेंगे। इससे पुलिस को काफी राहत मिल सकेगी।

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