- आरओ वॉटर, ऑनलाइन टिकट से मेरठी खुश नहीं

- मेरठ को आस थी एक नई ट्रेन की, वो नहीं मिली

- पुरानी घोषणाओं पर भी अभी तक नहीं किया गया अमल

Meerut : रेल बजट से भले ही सरकार काफी खुश हो, लेकिन आम पैसेंजर्स इस बजट से ज्यादा खुश नजर नहीं आए। मेरठ वासियों को इस बार बजट से कुछ ज्यादा ही आस थी। एक पैसेंजर और एक इलाहाबाद की ट्रेन तो मिलनी ही चाहिए थी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। खैर जो मिला उसके बारे में भी जब पब्लिक से बात की गई तो मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई। फिर चाहे वो ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर हो या फिर महिला सुरक्षा और सफाई को लेकर। आइए जानते हैं आम जनता ने रेल बजट को लेकर क्या कहा

काउंटर्स पर भीड़

जहां एक ओर रेल मंत्री जनरल टिकट को ऑनलाइन करने की घोषणा कर रहे थे। वहीं सिटी रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट काउंटर्स पर लोगों की भीड़ जमा थी। प्लेटफॉर्म पर लोग जमीन पर बैठने को मजबूर थे। कुछ देर बाद अंबाला पैसेंजर आने वाली थी। आपको बता दें कि जनरल टिकट के लिए सिटी रेलवे स्टेशन म् काउंटर हैं और रोजाना ख्0 हजार लोग टिकट खरीदते हैं।

सिक्योरिटी कैमरे खराब

रेल मंत्री ने सफाई व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखने की बात की है। अगर बात सिक्योरिटी कैमरों की जाए तो सभी खराब स्थिति में हैं। जीआरपी की मानें तो उन्हें ठीक कराने को बजट ही नहीं है। तो क्या किया जाए। सभी प्लेटफॉर्म और एंट्री गेट को मिलाकर स्टेशन पर कुल 9 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिनमें से कोई भी चालू स्थिति में नहीं हैं।

प्लेटफॉर्म की सफाई

जैसे ही रेल मंत्री मंत्री ने सफाई की सीसीटीवी से निगरानी और ट्रेनों से लेकर प्लेटफॉर्म तक को साफ रखने पर जोर दिया तो सिटी स्टेशन पर सफाईकर्मी प्लेटफॉर्म को साफ करते देखे गए। वैसे कभी प्लेटफॉर्म पर कभी इस टाइम पर सफाईकर्मियों को साफ सफाई करते हुए नहीं देखा था, लेकिन रेल बजट के दिन हर कोई अपनी मुस्तैदी दिखा रहा था।

टीसी भी दिखे मुस्तैद

ये पहला मौका था जब रिपोर्टर ने किसी टीसी को स्टेशन पर इतना मुस्तैद देखा। पैसेंजर ट्रेन से बिना टिकट उतरे तीन स्टूडेंट्स को पकड़ा और उन्हें निरीक्षक रूम में काफी देर बैठाए रखा। इस बात से कोई अंजान नहीं कि पैसेंजर ट्रेनों में कई लोग बिना टिकट ही सफर करते हैं। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि टीसी भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। बजट के दिन ये अजूबा ही था कि टीसी भी मुस्तैद दिखाई दिए।

जनरल और प्लेटफॉर्म टिकट ऑनलाइन हो जाने से पब्लिक को लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। जिन घरों में कंप्यूटर और लैपटॉप है वो अपने घरों से टिकट कर लिया करेंगे।

- आरिब खान, डेली पैसेंजर

मैं रेलवे का डेली पैसेंजर हूं और रोज मुजफ्फरनगर से मेरठ आता हूं दोनों ही जगहों पर मुझे लंबी लाइन से गुजरकर जनरल टिकट लेना पड़ता है। अक्सर मेरी ट्रेन भी मिस हो जाती है। ऑनलाइन हो जाने के बाद काफी आसानी होगी।

- मयंक वर्मा, डेली पैसेंजर

भले ही रेल मंत्री ने इस बार बजट में स्टेशनों और ट्रेन की सफाई की सफाई को लेकर ब्0 फीसदी एक्सट्रा बजट दिया हो। लेकिन जब तक पब्लिक इस ओर जागरूक नहीं होगी तब तक हालात ऐसे ही बनें रहेंगे।

- रोहित चौधरी, डेली पैसेंजर

सफाई के लिए सीसीटीवी कैमरो से नजर सुनने में काफी अच्छा है लेकिन मेरठ के दोनों स्टेशनों पर जो सुरक्षा के लिए जो कैमरे लगाएं गए हैं वो कितने सही हैं ये कभी किसी ने जानने की कोशिश नहीं की गई है।

- मोनू कुमार, डेली पैसेंजर

डाक विभाग से टिकट बुकिंग की सुविधा काफी पहले लागू हो जानी चाहिए थी। देर आए दुरुस्त आए। जिन लोगों के घरों के रिजर्वेशन सेंटर और स्टेशन दूर हैं उन्हें काफी आसानी हो जाएगी।

- प्रवीण जावला, डेली पैसेंजर

डाक विभाग से टिकट बुकिंग से पब्लिक को काफी फायदा होगा। खासकर रिजर्वेशन काउंटर्स से भीड़ काफी कम होकर डाक विभाग की ओर मूव हो जाएगी। काफी भीड़ खत्म हो जाएगी।

- सौरभ मिश्रा, डेली पैसेंजर

यूथ के लिए बेहतर सुविधा है

शताब्दी और राजधानी में वाई-फाई मिलना काफी अच्छी बात है। खासकर यूथ जो स्मार्टफोन और लैपटॉप अपने साथ लेकर चलता है। ट्रेन में सफर करते हुए वाई-फाई पर काम करना काफी सुलभ और आसान होगा।

- तरुण कुमार, डेली पैसेंजर

इस बार राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में वाई-फाई के बाद उम्मीद है कि अगले बजट में सभी ट्रेनों में वाई-फाई सुविधा मिलेगी। क्योंकि देश का सारा यूथ राजधानी और शताब्दी में नहीं सफर करता है।

- सुमित मिश्रा, डेली पैसेंजर

ट्रेनों में पीने को आरओ वॉटर एक अच्छा मूव है। इससे पानी खरीदने को एक्सट्रा रुपए खर्च नहीं करने होंगे। ये सुविधा में सभी ट्रेनों में हो तो सही है। और जल्द शुरू होनी चाहिए।

- कृष्णपाल मौर्य, डेली पैसेंजर

कई बार पानी की काफी प्यास लगी होती है, लेकिन जो ट्रेनों में पानी की व्यवस्था काफी खराब है। खासकर पैसेंजर ट्रेनों में पानी की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। आरओ वॉटर शुरू होने के बाद पब्लिक को पीने के पानी की दिक्कत नहीं झेलना पड़ेगा।

- बिट्टू कुमार, डेली पैसेंजर

महिला आरपीएफ जवानों की रिक्रूटमेंट महिला सुरक्षा के लिए अच्छी खबर है। महिला आरपीएफ होने से अपने को महिलाएं काफी सेफ महसूस करेंगी। वरना आज के समय में भीड़ होने के बाद भी सेफ महसूस नहीं करती हैं।

- सीमा रानी, पैसेंजर

महिला आरपीएफ ट्रेनों में रहेंगी तो किसी महिला पैसेंजर को सफर करने में डर महसूस नहीं होगा। कोई भी मनचला महिला से छेड़छाड़ करने से पहले कई बार सोचेगा। महिला सुरक्षा के लिए काफी कारगर कदम है।

- ज्योति दुआ, पैसेंजर

आरपीएफ जवानों को मोबाइल मिलने से पैसेंजर्स को काफी सुविधा होगी। अगर आरपीएफ का जवान कोच में है भी नहीं और किसी को कुछ असुविधा हो रही है तो वो फोन से सूचित जो जवान को बुला सकता है।

- समीक्षा, पैसेंजर

वैसे तो आरपीएफ के जवान ड्यूटी पर कम ही मिलते हैं, लेकिन सरकार का ये मूव काफी अच्छा है कि उन्हें मोबाइल दिए जाएंगे। ताकि लोगों को दिक्कत या असुरक्षित महसूस होने पर उन्हें फोन लगाया जा सके।

- श्रुति जैन, पैसेंजर

कई बार देर से आने वाले पैसेंजर को रिटायरिंग रूम की व्यवस्था नहीं मिल पाती है। अगली ट्रेन के लिए उन्हें स्टेशन या फिर स्टेशन के पास किसी मंहगे कमरे का इंतजाम करना पड़ता है। ऐसे में ऑनलाइन व्यवस्था हो जाने से काफी दिक्कतें आसान हो जाएंगी।

- आशा जैन, पैसेंजर

रिटायरिंग रूम की ऑनलाइन बुकिंग हो जाने से लोगों काफी फायदा होगा। वो पहले से अपने लिए रूम बुक कराकर रखेंगे। जिससे स्टेशन कर्मचारियों की दलाली बंद होगी और जरुरतमंद लोगों के लिए आसानी हो जाएगी।

- राम प्रताप सिंह, डेली पैसेंजर

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फिर ठगा गया वेस्ट यूपी

रेल में बजट में वेस्ट यूपी के लोगों के साथ बड़ा धोखा हुआ है। मेरठ ही नहीं पूरे वेस्ट यूपी में एक भी नई ट्रेन नहीं मिली। पूरी तरह से लोकलुभावन बजट था। पब्लिक के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया।

- गोपाल अग्रवाल, वरिष्ठ सपा नेता

पहले सांसद जी के पास कहने को ये था कि केंद्र में उनकी सरकार नहीं है। इसलिए वो कुछ नहीं कर सकते हैं। इस बार तो केंद्र में उनकी सरकार थी। पब्लिक को एक नहीं दो-दो ट्रेनों की आस थी। वेस्ट यूपी का बजट में नाम तक न होना इसका जवाब है सांसद जी के पास?

- सुनील कुमार वाधवा, बसपा नेता

बजट लोगों से जुड़ा हुआ था। पब्लिक को ऑनलाइन तकनीक से जोड़ने वाला इस तरह का रेल बजट आज से पहले कभी नहीं आया। जो लोगों की उम्मीदें थी, वो जरूर पूरी होंगी। ऐसा नहीं हर बार मेरठ और वेस्ट यूपी को निराश किया जाएगा।

- रविंद्र भड़ाना, विधायक दक्षिण

रेल बजट में साफ-सफाई से लेकर खान पान तक सभी की बातें की गई हैं। वहीं महिला सुरक्षा को लेकर भी इंपोर्टैस दी गई हैं। इसलिए ये साबित होता है कि ये आम जनता है। रही बात ट्रेन न मिलने की तो इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

- सत्यप्रकाश अग्रवाल, विधायक कैंट

इससे ज्यादा सपनों भरा रेल बजट नहीं हो सकता। ये कैसा रेल बजट है जिसमें वेस्ट यूपी की बात ही नहीं की गई। अगर बात हाई स्पीड ट्रेन की करें तो पहले ट्रैक तो ठीक करे। ट्रैक को सुधारने की कोई बात नहीं हुई।

- नगमा, कांग्रेस नेता

बजट में सिक्योरिटी को लेकर बात हो रही है। महिला आरपीएफ जवानों को रिक्रूट करने की बात हुई, क्7 हजार जवानों को रिक्रूट करने बात हुई। यहां तक की सफाई व्यवस्था के लिए बजट बढ़ाने की बात हुई। सवाल ये है कि इनके इंप्लीमेंटेशन की जवाबदेही कौन तय करेगा? वादों से ज्यादा जवाबदेही तय करने में वक्त लगाएं तो बेहतर होगा।

- सुनील गुप्ता, अध्यक्ष, आईएमए

वेस्टर्न यूपी के परिपेक्ष्य में रेल बजट से काफी निराशा हुई। वेस्टर्न यूपी के सासंद अपने बातों को ठीक तरीके से केंद्र में नहीं पहुंचा सके। जिससे यहां की पब्लिक और व्यापारी काफी छला गया। फ्रेट कॉरीडोर का एलीवेशन चेंज हुआ उसके बारे में बजट में नहीं की गई। व्यापारियों के लिए वेस्ट यूपी में कुछ नहीं मिला।

- पंकज गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष, आईआईए