- मेडिकल सेवा से जुड़े लोग दवाओं और जांच मशीनों पर टैक्स में चाहते हैं राहत

- डीजल में टैक्स की छूट और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री का प्रमोशन चाहते हैं इंजीनियर्स

GORAKHPUR: वित्तमंत्री अरुण जेटली आज लोकसभा में आम बजट पेश करेंगे। देश भर के विभिन्न वर्गो के लोगों में आम बजट को लेकर कयासों का दौर रविवार को देर रात तक चलता रहा। इस दौरान विभिन्न वर्ग के लोगों ने अपने-अपने प्रोफेशन के लिए अपेक्षाएं रखीं। डॉक्टर्स ने जहां अपने लिए कुछ भी स्पेशल अपेक्षा न रखते हुए पेशेंट्स के लिए दवाओं और जांच के लिए इक्विपमेंट्स से टैक्स कम करने की अपेक्षा की तो इंजीनियर्स ने कंस्ट्रक्शन को बढ़ावा देकर अर्थ व्यवस्था को मजबूती देने का का तर्क रखा।

सभी को टैक्स में छूट की उम्मीद

बजट सेशन से सभी को काफी उम्मीदें हैं। घर के किचन से लेकर ऑफिस के केबिन तक सभी चीजें सस्ती हो, इसके लिए जरूरी है कि सरकार टैक्स में कुछ राहत दे। सभी सेक्टर और कैटेगरी के लोगों को इस बजट से यही उम्मीद है कि सरकार उन्हें टैक्स में रिलीफ देकर पॉकेट का बोझ हलका करेगी। टैक्स में छूट मिलने से जरूरत के साजो-सामान भी सस्ते हों जाएंगे, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।

बजट में वित्तमंत्री को यह ध्यान रखना चाहिए कि दवाओं का मूल्य न बढ़े। इधर कुछ सस्ती दवाएं मिलना बंद हो गई है। इससे गरीब पेशेंट्स की परेशानी बढ़ती जा रही है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। जांच मशीनों को मंगाने पर टैक्स कम देना चाहिए। अभी भी गांवों जांच के लिए काफी दिक्कत होती है और कई नियम कानूनों के कारण कई जांच मशीनों को गांवों में लेकर नहीं जाया जा सकता।

डॉ। चक्रपाणि पांडेय, फीजिशियन

दवाएं सस्ती होनी चाहिए। जांच मशीनों को सर्विस टैक्स से मुक्त करना चाहिए। इम्पोर्ट ड्यूटी को भी कम करना चाहिए। इन सबका फायदा पेशेंट्स को मिलेगा। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने दवा कम्पनियों को पैकेट पर लागत मूल्य लिखने को कहा था। दवाओं के मूल्य का निर्धारण करने के लिए एक रग्युलेटरी कमेटी होनी चाहिए। जिससे कोई कम्पनी मनमाने ढंग से मूल्य न ले सके।

डॉ। अमित गोयल, लाइफ पैथालॉजी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इस जोन को 'एसईजेड' स्पेशल इकोनॉमिक जोन में रखने की बात की थी। इस बजट में वित्तमंत्री को इस जोन को 'एसईजेड' बनाना चाहिए। मेडिकल सर्विसेज पर टैक्स कम होना चाहिए। दवाओं के साथ साथ जांच मशीनों और किट्स पर टैक्स कम करना चाहिए।

- आलोक चौरसिया, दवा कारोबारी

वित्तमंत्री को डीजल पर सर्विस टैक्स कम करना चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन सस्ता होगा तो बालू, गिट्टी, छड़ आदि भी सस्ते होंगे। घरों के निर्माण में लागत की कमी आएगी। जिससे घर बनाना आम आदमी की पहुंच में आ जाएगा। वित्तमंत्री को टैक्स की चोरी रोकने के और उपाय करने चाहिए। मध्यम वर्ग से कर का बोझ कम करना चाहिए।

सतीश सिंह, सिविल इंजीनियर