नवरात्र की सप्तमी तिथि को देवी मंदिरों में भोर की मंगलाआरती और शाम की महाआरती में लगी रही कतार

ALLAHABAD: चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि को देवी मंदिरों में मां भगवती के काल रात्रि स्वरूप का पूजन-अर्चन करने को भक्तों की आस्था दिनभर उमड़ती रही। शक्ति पीठ मां कल्याणी देवी मंदिर व मां ललिता देवी मंदिर में चांदी के बहुपात्रों से भोर की मंगलाआरती और शाम को दीपदान के साथ हुई महाआरती के दौरान जहां भक्तों की कतार हाथों में नारियल, चुनरी व फूलमाला लेकर माता रानी का जयकारा लगाती रही। वहीं मां अलोपशंकरी मंदिर के परिसर में देवी के अलग-अलग स्वरूपों का दर्शन कर भक्तों ने दीपदान भी किया।

मुंडन तो चढ़ाया गया निशान

नवरात्र के समापन में दो दिन का समय ही बचा हुआ है यही वजह रही कि शनिवार को मां कल्याणी देवी मंदिर व मां अलोपशंकरी मंदिर के परिसर में मुंडन संस्कार कराने वाले भक्तों की भीड़ दिखाई दी। अपने-अपने पुरोहितों के जरिए परिजनों ने बच्चों का मुंडन कराया तो दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों ने मनोकामना पूर्ति होने पर मां के दरबार में निशान भी चढ़ाया। कल्याणी देवी परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के दौरान पं। राजा मिश्रा की अगुवाई में देश में सद्भाव की कामना के उद्देश्य को लेकर आहुतियां डाली गई।

अष्टमी आज, होगा हवन-पूजन भी

नवरात्र की अष्ट मी का व्रत रविवार को रखा जाएगा। हालांकि शनिवार को सुबह साढ़े नौ बजे अष्टमी तिथि लग गई थी। यही वजह रही कि पहले व आठवें दिन व्रत रखने वालों में से अधिकतर भक्तों ने शनिवार को ही व्रत रखा लेकिन उदया तिथि की वजह से अष्ट मी का मान रविवार को ही माना जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि अष्टमी तिथि रविवार को सुबह 7.03 बजे तक रहेगी उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। नवमी तिथि में दिनभर नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्त हवन-पूजन करा सकते हैं।