-पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पाए गए हैं पोलियो के वायरस

-इंडिया में 19 जनवरी से फिर चलेगा पल्स पोलियो अभियान

-2011 में लास्ट पाए गए थे पोलियो के वायरस

GORAKHPUR: 'दो बूंद जिंदगी की' एक बार फिर बेहद अहम हो गई है। इसलिए नहीं कि गोरखपुर या यूपी या इंडिया में पल्स पोलियो के मरीज फिर से मिलने लगे हैं, बल्कि इसलिए कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस अब देश के लिए खतरनाक हो रहे हैं। वहां कई केस डायग्नोज हुए हैं, जिससे इंडिया अलर्ट मोड पर है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। आईवी विश्वकर्मा का कहना है कि जब तक पड़ोसी देशों में पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो जाता है तब तक इस अभियान के प्रति सभी को गंभीर रहना होगा। वरना पोलियो एक बार फिर हमें चपेट में ले लेगा और हमें मुसीबत झेलनी पड़ेगी।

पाकिस्तान में 100 से ज्यादा मामले

उन्होंने बताया कि वाइल्ड पोलियो वायरस दो का आखिरी मामला साल 2000 में, जबकि वाइल्ड पोलियो वायरस तीन का आखिरी मामला साल 1999 में मिला था। वाइल्ड पोलियो वायरस एक की वजह से साल 2019 में पल्स पोलियो के पाकिस्तान में 128 और अफगानिस्तान में 28 मामले सामने आए थे। यही वजह है कि भारत सरकार काफी गंभीर है।

2011 के बाद कोई पोलियो मरीज नहीं मिला

इंडिया में पोलिया की बात करें तो इसका आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को कोलकता में रिपोर्ट किया गया। इसके बाद से कोई भी केस पुष्ट नहीं हुआ। बावजूद इसके लगातार पल्स पोलियो अभियान चला कर पूर्ण प्रतिरक्षण कराया जा रहा है। यह इसीलिए है कि पोलियो दोबारा पांव न पसार सके। उन्होंने बताया कि 19 जनवरी से जनपद में पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा, इसका शुभारंभ जिला महिला अस्ताल में बने बूथ से सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी करेंगे। एसीएमओ ने बताया कि 20 जनवरी से पल्स पोलियो की टीम घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलाएंगी।