पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा और आगजनी में क़रीब दो सौ बसों को नुक़सान पहुँचा, धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया और एक युवा इंजीनियर मोहसिन सादिक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

शहर के ताज़ा हालात के बारे में पुणे के पुलिस कमिश्नर सतीश माथुर ने बीबीसी को बताया, "शहर में पिछले दो दिनों से कोई घटना नहीं हुई है. अभी बिलकुल सुख सूक़ून है."

भड़काऊ पोस्ट

अमन बनाएं रखें

"हमारा बच्चा तो खो गया. वो जन्नत में पहुँच गया होगा. ये इंसानी कमज़ोरी है कि उसका दुख हमें हमेशा रहेगा. हमारे दिलो-दिमाग़ पर उसका असर हमेशा रहेगा. हमारे पैगंबर ने कहा है कि एक बेग़ुनाह का क़त्ल पूरी इंसानियत का क़त्ल है. लोग देश में शांति क़ायम रहे, एक दूसरे से दुश्मनी रखने से या हिंसा करने से न हम तरक़्क़ी कर सकते हैं और न ही देश तरक़्की कर सकता है. लोग अमन बनाए रखें."

-सादिक़ शेख, मारे गए इंजीनियर के पिता

मोहसिन सादिक़ की हत्या के मामले में पुलिस ने कम जाने-पहचाने वाले एक छोटे संगठन हिंदू राष्ट्र सेना से जुड़े 17 लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस कमिश्नर सतीश माथुर ने बताया, "मोहसिन की हत्या के मामले में हमने 17 लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि दंगों के मामले में अब तक दो सौ से ज़्यादा लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं."

गिरफ़्तार लोगों में हिंदू राष्ट्र सेना का प्रमुख धनंजय देसाई भी शामिल है. देसाई के ख़िलाफ़ इससे पूर्व 20 के आसपास मामले दर्ज है. इनमें फ़िरौती, दंगा, भड़काऊ भाषण देना, भड़काऊ वक्तव्यों से भरे पैमफ़्लेट बांटना जैसे मामले शामिल है.

पुणे के पुलिस उपायुक्त मनोज पाटील ने बताया, "मोहसिन शेख सोमवार की रात घर लौट रहे थे. उस समय 10-12 लोगों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया पुलिस मौके पर पहुंची तब तक हमलावर भाग चुके थे. मोहसिन को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसमें कोई शक नहीं कि यह धार्मिक विद्वेष से की गई हत्या है."

क्षतिग्रस्त बसें

पुणे: दंगों के बाद राजनीति

उपद्रवियों ने सैकड़ों बसों में भी तोड़फोड़ की.

पुणे और महाराष्ट्र के कुछ अन्य इलाक़ों में हुई हिंसा की वजह एक कथित फ़ेसबुक पोस्ट बनी थी जिसमें शिवाजी महाराज और बाल ठाकरे का कथित तौर पर अपमान किया गया था. इस पोस्ट और इससे जुड़े पन्ने को तो फ़ेसबुक से हटा दिया गया है लेकिन हिंदू राष्ट्र सेना के नाम से चल रहे कुछ ऐसे पन्ने भी अभी भी मौजूद हैं जिनमें भड़काऊ सामग्री पोस्ट की गई है.

इस संबंध में जानकारी देने पर पुलिस कमिश्नर सतीश माथुर ने कहा, "अगर ऐसा हो तो हम इसे भी फ़ेसबुक से हटवा देंगे. फ़ेसबुक के सर्वर विदेश में होने के कारण थोड़ा वक़्त लगता है."

इंसानियत का क़त्ल

उन्मादी भीड़ के हाथों मारे गए मोहसिन का परिवार पुणे से क़रीब ढाई सौ किलोमीटर दूर सोलापुर में रहता है. उनका परिवार पुलिस जाँच से संतुष्ट है.

मोहसिन के पिता सादिक़ शेख ने बीबीसी से कहा, "हमारा बच्चा तो जन्नत में पहुँच गया होगा. हमारे पैगंबर ने कहा है कि एक बेग़ुनाह का क़त्ल पूरी इंसानियत का क़त्ल है. लोग देश में शांति क़ायम रखें, एक दूसरे से दुश्मनी रखने से या हिंसा करने से न हम तरक़्क़ी कर सकते हैं और न ही देश तरक़्की कर सकता है."

स्थानीय पत्रकार देवीदास देशपांडे के मुताबिक महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटील ने मुंबई में कहा, " मृतक मोहसिन का फ़ेसबुक पर प्रकाशित आपत्तिजनक तस्वीरों से कोई संबंध नहीं था. पुलिस ने सभी दोषियों को गिरफ़्तार किया है और उनपर कड़ी कार्रवाई होगी. "

वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "दोषी चाहे जो हो, उसे सजा मिलनी ही चाहिए. लेकिन हम चाहते है कि जिन लोगों ने हमारे मानबिंदु शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीरें प्रकाशित की, उन लोगों पर भी कारवाई होनी चाहिए."

एक और घटना

पुणे में जब उन्मादी भीड़ ने मोहसिन सादिक़ की पीट-पीटकर हत्या की उसी वक़्त हारून शेख़ को भी निशाना बनाया गया था. हारून शेख़ ने एक दुकान में छुपकर अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन वे भीड़ के हत्थे चढ़ गए. शेख़ का दावा है कि हिंसक भीड़ ने उन पर तब तक वार किए जब तक उन्होंने बेहोश होने का नाटक नहीं किया. शेख के अनुसार उन्हें मरा जानकर छोड़ दिया गया.

हारून ने बीबीसी से कहा, "मैं जहाँ रहता हूँ वहाँ हिंदू-मुसलमान सब मिल-जुलकर रहते हैं. मेरे सभी दोस्त और परिचित हिंदू ही हैं. तनाव के कारण डर ज़रूर था लेकिन मैंने ये नहीं सोचा था कि हमारे इलाक़े में ऐसा होगा. हमला करने वाले लोग बाहर से आए थे. हमारे इलाक़े के हिंदुओं ने तो हमारी जान बचाई."

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