अदालत ने इन महिलाओं को धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर गुंडागर्दी करने का दोषी पाया। लेकिन ‘पुस्सी रायट’ नाम के बैंड की सदस्य इन महिलाओं का कहना है कि, फरवरी में किए गए इस प्रदर्शन का मक़सद रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च से व्लादिमीर पुतिन को हासिल समर्थन की ओर ध्यान आकर्षित करना था।

24 वर्षीय मरिया ऐलेयोखीना, 22 वर्षीय नादेज़दा तोलोकोनिकोवा और 29 वर्षीय येकातेरीना सामूसेविच को ये फैसला सुनाए जाने के बाद अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन की ओर से इसकी गहन आलोचना की गई।

कैस्परॉव गिरफ्तार

अपने बैंड के अन्य सदस्यों के साथ इन महिलाओं ने फरवरी में अचानक एक गिरिजाघर के सामने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया था।

इसमें उन्होंने वर्जिन मेरी को ‘पुतिन को गद्दी से हटाने’ की अपील की थी। इससे ऑर्थोडॉक्य चर्च में भारी नाराज़गी पैदा हुई थी और उनके नेता ने इस प्रकरण को ईशनिंदा के समान बताया था।

इस प्रदर्शन के दो हफ्ते बाद ही पुतिन को तीसरी बार रूस का राष्ट्रपति चुना गया था। शुक्रवार को अदालत के फैसला सुनाने से पहले ही परिसर के बाहर मौजूद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें शतरंज के पूर्व विश्व चैम्पियन गैरी कैस्परॉव भी शामिल थे।

आलोचना

इस फैसले के बाद एक सदस्य तोलोकोनिकोवा के पति प्योत्र वर्ज़िलोव ने कहा, “रूस की स्थिति पहले से ही बहुत डरावनी थी, अब जो हुआ है उससे लगता है कि रूस भी चीन या उत्तर कोरिया जैसा बनने की राह पर है.”

वहीं विपक्ष के नेता ऐलेक्सई नवाल्नी ने कहा, “ये महिलाएं जेल में हैं क्योंकि पुतिन इनसे बदला लेना चाहते हैं, ये फैसला पुतिन द्वारा ही लिखा गया है.”

अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया न्यूलैंड ने कहा, “हम रूसी अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वो इस मामले पर पुनर्विचार करें और अभिव्यक्ति की आज़दी के अधिकार की रक्षा करें.”

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