RANCHI: साउथ इस्टर्न रेलवे रांची डिवीजन लगातार नई उपलब्धि हासिल कर रहा है। वहीं पैसेंजर्स को सुविधा देने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है ताकि सफर के दौरान उन्हें परेशानी न हो। साथ ही ट्रेनों के समय से परिचालन कराने को लेकर लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रांची डिवीजन के स्टेशनों पर अब ट्रेनों में पानी भरने के लिए आधे घंटे तक इंतजार नहीं करना होगा। चूंकि डिवीजन के स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे कि मिनटों में ही पानी भर जाएगा और ट्रेन टाइम से रवाना हो जाएगी।

व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन की कवायद

इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतरीन करने के साथ ही डिवीजन पैसेंजर्स की परेशानी को भी दूर करने में लगा है। व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की कवायद तेज हो चुकी है। इसके तहत अब ट्रेनों को पानी भरने के लिए 20 मिनट से लेकर आधे घंटे तक स्टेशनों पर नहीं रुकना होगा। नई टेक्निक से ट्रेन के कोचेज में पानी महज पांच मिनट में भर जाएगा, जिससे कि ट्रेन को ज्यादा देर तक रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही पैसेंजर्स को भी होने वाली समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

कैसे काम करता है वाटरिंग सिस्टम

रांची डिवीजन में पहले मैनुअल तरीके से ही ट्रेनों में पानी भरा जाता था, जिसमें 15 से 20 मिनट तक का समय लगता था। वहीं ट्रेनों को केवल पानी भरने के लिए ही देरी तक रोकने की जरूरत पड़ती थी। अब क्विक वाटरिंग सिस्टम से पानी प्रेशर से भरा जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें ज्यादा मैन पावर की भी जरूरत नहीं पड़ती। वहीं काम तेजी से होने के कारण समय की भी बचत हो रही है।

छह दर्जन पैसेंजर ट्रेनें गुजरती हैं रोज

रांची डिवीजन से खुलने वाली ट्रेनों में हर दिन पैसेंजर्स सफर करते हैं। केवल रांची डिवीजन से हर दिन छह दर्जन ट्रेनों से अधिक का आवागमन होता है। ऐसे में लाजिमी है कि पैसेंजर्स की भी संख्या अधिक होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्रेनों में पैसेंजर्स को देखते हुए पानी की भी जरूरत उसी मात्रा में पड़ेगी।

टेक्निक से काम तो दुरुस्त हो जाता है। क्विक वाटरिंग सिस्टम भी वही है। इससे ट्रेन के कोच में पानी तेजी से भरता है, जिससे टाइम की बचत होती है वहीं कम मैनपावर में भी काम अच्छे से किया जा सकता है।

नीरज कुमार, एसडीओएम-सीपीआरओ, रांची डिवीजन