1- देश के सबसे बड़े कार्टूनिस्ट और आम आदमी के चरित्र को गढ़ने वाले मशहूर चित्रकार आर के लक्ष्मण का जन्म 23 अक्टूबर 1924 को मैसूर में हुआ था। वह एक तमिल परिवार में जन्मे थे। और अपने पिता के छह पुत्रों में सबसे छोटे थे। उनके पिता एक स्कूल में हेड मास्टर थे। टाइम्स ऑफ इण्डिया में यू सेड इट शीर्षक से एक फीचर कार्टून छपना शुरू हुआ। यू सेड इट दैनिक कार्टून स्ट्रिप के लिए उन्होंने कॉमन मैन की रचना की थी। इसका प्रकाशन 1961 से शुरू हुआ था। 
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2- टाइम्स ऑफ इण्डिया के अलावा इन कार्टूनों को सस्ती पेपर बैक किताबों के रूप में छापा गया। द टनल टु टाइम में आर के लक्ष्मण ने अपने जीवन की उन सभी खास पलों का जिक्र किया जिनसे वह कभी गुजरे थे। उनकी पहली पूर्णकालिक नौकरी मुंबई में द फ्री प्रेस जर्नल के लिए पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट की थी। इस पत्रिका में बाल ठाकरे उनके साथी काटूनकार थे। लक्ष्मण द टाइम्स ऑफ इंडिया औश्र बॉम्बे से जुड़ गये उसमें उन्होंने लगभग पचास वर्षों तक कार्य किया। 1954 में उन्होंने एशियन पेंट्स का मशहूर मैस्कट गट्ट बनाया था। 
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3- लक्ष्मण ने द स्टार आई नेवर मेट नामक कार्टून श्रंखला भी शुरु की थी। उन्हें दिल्ली का पाइड पाइपर भी कहा गया है। आर के लक्ष्मण का पहला विवाह भारतनाट्यम नर्तकी और फ़िल्म अभिनेत्री कुमारी कमला लक्ष्मण के साथ हुआ। उनकी दूसरी पत्नी का नाम भी कमला लक्ष्मण ही था। 1971 में उन्हें पद्म भूषण से और 2005 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।  उन्होंने फिल्म पत्रिका फिल्मफेयर में अपनी दूसरी पत्नी कमला लक्ष्मण का  द स्टार आई ऑनली मेट शीर्षक से कार्टून चित्रित किया था। लक्ष्मण का प्रारम्भिक कार्य स्वराज्य और ब्लिट्ज़ नामक पत्रिकाओं सहित समाचार पत्रों में रहा। 
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4- मैसूर महाराजा महाविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण कि कहानियों को द हिन्दू में चित्रित करना आरम्भ कर दिया तथा स्थानीय तथा स्वतंत्र के लिए राजनीतिक कार्टून लिखना आरम्भ कर दिया। लक्ष्मण कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में भी कार्टून लिखने का कार्य किया। यह पत्रिका 1942 में डॉ एम शिवरम स्थापित की थी। इस पत्रिका के संस्थापक एलोपैथिक चिकित्सक थे तथा बैंगलोर के राजसी क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने यह मासिक पत्रिका विनोदी, व्यंग्य लेख और कार्टून के लिए यह समर्पित की। शिवरम अपने आप में प्रख्यात कन्नड हास्य रस लेखक थे।
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1- देश के सबसे बड़े कार्टूनिस्ट और आम आदमी के चरित्र को गढ़ने वाले मशहूर चित्रकार आर के लक्ष्मण का जन्म 23 अक्टूबर 1924 को मैसूर में हुआ था। वह एक तमिल परिवार में जन्मे थे। और अपने पिता के छह पुत्रों में सबसे छोटे थे। उनके पिता एक स्कूल में हेड मास्टर थे। टाइम्स ऑफ इण्डिया में यू सेड इट शीर्षक से एक फीचर कार्टून छपना शुरू हुआ। यू सेड इट दैनिक कार्टून स्ट्रिप के लिए उन्होंने कॉमन मैन की रचना की थी। इसका प्रकाशन 1961 से शुरू हुआ था। 

वो भारत के कॉमन मैन थे

2- टाइम्स ऑफ इण्डिया के अलावा इन कार्टूनों को सस्ती पेपर बैक किताबों के रूप में छापा गया। द टनल टु टाइम में आर के लक्ष्मण ने अपने जीवन की उन सभी खास पलों का जिक्र किया जिनसे वह कभी गुजरे थे। उनकी पहली पूर्णकालिक नौकरी मुंबई में द फ्री प्रेस जर्नल के लिए पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट की थी। इस पत्रिका में बाल ठाकरे उनके साथी काटूनकार थे। लक्ष्मण द टाइम्स ऑफ इंडिया औश्र बॉम्बे से जुड़ गये उसमें उन्होंने लगभग पचास वर्षों तक कार्य किया। 1954 में उन्होंने एशियन पेंट्स का मशहूर मैस्कट गट्ट बनाया था। 

वो भारत के कॉमन मैन थे

3- लक्ष्मण ने द स्टार आई नेवर मेट नामक कार्टून श्रंखला भी शुरु की थी। उन्हें दिल्ली का पाइड पाइपर भी कहा गया है। आर के लक्ष्मण का पहला विवाह भारतनाट्यम नर्तकी और फ़िल्म अभिनेत्री कुमारी कमला लक्ष्मण के साथ हुआ। उनकी दूसरी पत्नी का नाम भी कमला लक्ष्मण ही था। 1971 में उन्हें पद्म भूषण से और 2005 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।  उन्होंने फिल्म पत्रिका फिल्मफेयर में अपनी दूसरी पत्नी कमला लक्ष्मण का  द स्टार आई ऑनली मेट शीर्षक से कार्टून चित्रित किया था। लक्ष्मण का प्रारम्भिक कार्य स्वराज्य और ब्लिट्ज़ नामक पत्रिकाओं सहित समाचार पत्रों में रहा। 

वो भारत के कॉमन मैन थे

4- मैसूर महाराजा महाविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण कि कहानियों को द हिन्दू में चित्रित करना आरम्भ कर दिया तथा स्थानीय तथा स्वतंत्र के लिए राजनीतिक कार्टून लिखना आरम्भ कर दिया। लक्ष्मण कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में भी कार्टून लिखने का कार्य किया। यह पत्रिका 1942 में डॉ एम शिवरम स्थापित की थी। इस पत्रिका के संस्थापक एलोपैथिक चिकित्सक थे तथा बैंगलोर के राजसी क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने यह मासिक पत्रिका विनोदी, व्यंग्य लेख और कार्टून के लिए यह समर्पित की। शिवरम अपने आप में प्रख्यात कन्नड हास्य रस लेखक थे।

वो भारत के कॉमन मैन थे

 

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