नई दिल्ली (आईएएनएस)। एक्ट्रेस राधिका आप्टे का कहना है कि वह किसी सुविधाजनक चीज में फंसना नहीं चाहतीं और न ही संतुष्ट होना चाहती हैं और न ही वह प्रसिद्धि का पीछा कर रही हैं। राधिका ने आईएएनएस को बताया, "मैं यहां प्रसिद्धि के लिए नहीं हूं। मैं कभी-कभी तारीफ पसंद करती हूं, लेकिन मैं सफलता और विफलता को गंभीरता से नहीं लेती।' राधिका ने इन बातों को रिश्तेदारों की तरह बताया जिन्हें आप गंभीरता से नहीं लेते मगर नजरअंदाज भी नहीं कर सकते। वे आपकी यात्रा में बहुत महत्वपूर्ण पहलू हैं।'

असफलता से सीखना चाहिए
राधिका ने आगे बताया, 'आपको प्रशंसा की आवश्यकता है, आपको अपनी पीठ को कई बार थपथपाने की जरूरत है, आपको सराहना भी पसंद है और आपको अपनी असफलता से भी सीखना होगा और निराश नहीं होना चाहिए। इसलिए, (मेरे पास) एक संतुलित दृष्टिकोण है।' राधिका ने 2005 में "वाह! लाइफ हो तो ऐसी" में एक छोटी सी भूमिका के साथ इंडस्ट्री में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने "शोर इन द सिटी", "कबाली", "फोबिया", "बदलापुर" और 'अहिल्या' जैसी फिल्में कीं।'

15 साल हो गए इंडस्ट्री में
अभिनेत्री को "फोबिया", "बदलापुर", "मांझी: द माउंटने मैन", 'सेक्रेड गेम्स' और 'पैड मैन' जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के साथ बॉलीवुड नायिका की रूढ़ीवादी छवि को तोड़ने का श्रेय दिया जाता है। करीब 15 साल इस इंडस्ट्री में बिताने के बाद, राधिका को लगता है कि वह विकसित हुई है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आप इतने काम के साथ, लगातार चीजें सीखते हैं। आप अपने कौशल को तेज करते हैं और आप सीखते हैं कि क्या नहीं करना है। तो, यह एक निरंतर प्रक्रिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप गलतियाँ नहीं करते हैं। मैं क्या करना चाहूंगी, बस अपने काम को लगातार चुनौती देती रहूंगी, संतुष्ट न रहूँ।"

रात अकेली है को लेकर चर्चा में
राधिका इन दिनों अपनी नई फिल्म 'रात अकेली है' को लेकर चर्चा में है। फिल्म निर्देशक हनी त्रेहान के निर्देशन की यह पहली फिल्म है। इसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी मुख्य हैं। इनके अलावा आदित्य श्रीवास्तव, श्वेता त्रिपाठी, इला अरुण, खालिद तैयबजी, शिवानी रघुवंशी और तिग्मांशु धूलिया भी फिल्म में हैं।

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