RANCHI: रिम्स की सुपरस्पेशियलिटी विंग के ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में इन दिनों अव्यवस्था का आलम है। जहां आठ दिनों से कैंसर पीडि़त पेशेंट्स की ट्रीटमेंट नहीं की जा रही है। रेडियोथेरेपी नहीं होने के कारण मरीजों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में हर दिन हास्पिटल से दर्जनों मरीज निराश लौट रहे हैं। उनके पास कोई चारा भी तो नहीं है। कैंसर पेशेंट्स को कीमो के बाद रेडियोथेरेपी दी जाती है, जिसमें एक लाख रुपए तक खर्च हो जाते हैं। इसके बावजूद रेडियोथेरेपी को चालू कराने में रिम्स प्रबंधन फेल साबित हो रहा है। एचओडी द्वारा पत्र लिखने के बावजूद प्रबंधन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है।

रेडिएशन नहीं मिलने से जान को खतरा

कैंसर पेशेंट्स को इलाज के दौरान कीमो थेरेपी दी जाती है। इसके साथ ही रेडियोथेरेपी की रेगुलर सीटिंग भी होती है। कैंसर स्टेज के हिसाब से पेशेंट्स को रेडियोथेरेपी दी जाती है। इस दौरान अगर बीच में रेडियोथेरेपी बंद हो जाती है या किसी कारण से उसे रेडिएशन नहीं दिया जाता है तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है।

फट गई है सेंट्रलाइज एसी की पाइप,

सुपरस्पेशियलिटी कैंपस में आठ दिन पहले ओंकोलॉजी के सामने बोरिंग करने के दौरान सेंट्रलाइज एसी की पाइप फट गई थी। इस वजह से रेडियोथेरेपी सेंटर का एसी काम नहीं कर रहा है। एसी के काम नहीं करने के कारण रेडियोथेरेपी की मशीन भी चालू नहीं हो पा रही है। चूंकि रेडिएशन के दौरान मशीन को एक नार्मल टेंपरेचर मेंटेन करना होता है।

हर दिन आते है ख्8-फ्0 मरीज

हास्पिटल के ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में मरीजों को सारी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में रेडिएशन के लिए हर दिन ख्8-फ्0 मरीज पहुंचते है। लेकिन आठ दिनों से रेडिएशन बंद होने के कारण उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। वहीं कई पेशेंट्स तो डॉक्टर से कांटैक्ट में भी हैं कि कब मशीन चालू हो और उनका इलाज फिर से जारी हो सके।

वर्जन

हमारी रेडिएशन की सभी मशीनें चालू हैं। बस एसी फेल हो जाने के कारण पेशेंट्स को रेडिएशन नहीं दी जा रही है। इससे उनका इलाज तो प्रभावित हो रहा है। इसके लिए प्रबंधन को भी चिट्ठी लिखी थी, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। रिम्स में इलाज के लिए आने वाले पेशेंट्स के पास इतने पैसे भी नहीं होते कि बाहर जाकर लाखों रुपए खर्च कर सके। रिम्स में कैंसर मरीजों के लिए सारी सुविधाएं बिल्कुल फ्री हैं।

-डॉ। अनूप, एचओडी, ओंकोलॉजी