- रायबरेली जेल का वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

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LUCKNOW: रायबरेली जेल में बंद कुख्यात अपराधी अंशू दीक्षित व उसके साथियों द्वारा मोबाइल फोन पर एक व्यक्ति को धमकी देते वीडियो वायरल होने की घटना में शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ अधीक्षक समेत छह जिम्मेदारों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही डीआईजी जेल लखनऊ रेंज उमेश श्रीवास्तव को घटना की विस्तृत जांच सौंपी गई है।

वीडियो वायरल
वायरल वीडियो में अंशू व उसके तीन साथी बैरक में मुर्गा पार्टी करते नजर आ रहे हैं और फोन पर ही शराब का ऑर्डर भी दिया जा रहा है। ताज्जुब की बात तो यह है कि वहां कई कारतूस भी रखी हैं।

तलाशी में मिले थे मोबाइल
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो की गंभीरता को देखते हुए डीएम रायबरेली के आदेश पर अंशू दीक्षित समेत चार बंदियों को 19 नवंबर को अन्य जेलों में स्थानान्तरित करा दिया गया था। 21 नवंबर को रायबरेली की नगर कोतवाली में चारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। कारागार अधिकारियों ने जेल में तलाशी के दौरान चार मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड भी बरामद किये थे।

विभागीय कार्रवाई भी शुरू
शासन के निर्देश पर 25 नवंबर को रायबरेली के डीएम-एसपी ने जेल में सघन तलाशी कराई थी, जिसमें कई बैरकों में सिगरेट, लाइटर, माचिस, मिठाई, ड्राईफ्रूट समेत कई अन्य सामान बरामद हुआ था। पूरे प्रकरण में लापरवाही के दोषी वरिष्ठ अधीक्षक समेत छह जेल कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

चारों बंदियों की निकलेगी सीडीआर
एडीजी कारागार चंद्र प्रकाश ने बताया कि डीआईजी जेल को पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है, जिसके अनुरूप दोषी जेल अधिकारियों व कर्मियों को आरोपपत्र दिया जायेगा। इसके साथ ही कारागार मुख्यालय की ओर से रायबरेली पुलिस को एक पत्र लिखकर चारों बंदियों के पास से बरामद फोन की सीडीआर निकलवाकर विस्तृत जांच करने को कहा गया है। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन फोनों से किन-किन लोगों को कॉल की गई थी।

बंदियों की बदली जेल
कुख्यात अंशू दीक्षित को प्रतापगढ़ जेल भेजा गया है। इसके अलावा अन्य गंभीर अपराधों में निरुद्ध बंदी निखिल सोनकर को सुलतानपुर जेल, दल सिंगार को फतेहपुर तथा अजीत चौबे को बाराबंकी जेल भेजा गया है.

ये निलंबित
- वरिष्ठ अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ल, कारापाल गोविंद राम वर्मा, उप कारापाल रामचंद्र तिवारी, हेड जेल वार्डर लालता प्रसाद उपाध्याय, जेल वार्डर गंगाराम व शिवमंगल सिंह

डीआईजी जेल को पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया गया है, जिसके अनुरूप दोषी जेल अधिकारियों व कर्मियों को आरोपपत्र दिया जायेगा। कारागार मुख्यालय की ओर से रायबरेली पुलिस को एक पत्र लिखकर चारों बंदियों के पास से बरामद फोन की सीडीआर की भी विस्तृत जांच करने को कहा गया है.
- चंद्र प्रकाश, एडीजी, जेल