-वीसी ने दिया दूसरे विभागों में स्थानांतरित करने के आदेश

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LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मानकों को ताक पर रखकर 20 अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाकर अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं। इनमें से किसी भी मशीन का सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन तक नहीं है जबकि सीएमओ कार्यालय में पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही मशीन को खरीदकर लगाया जा सकता है। सीएमओ कार्यालय की बड़ी लापरवाही के साथ केजीएमयू, सप्लायर कंपनी और जिला प्रशासन तक कटघरे में हैं।

बिना अनुमति लगा दी गई मशीनें

पूर्व वीसी के दौरान कई नए व पुराने विभागों के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनें खरीदी गई थी। इन्हें संबंधित विभागों को दे भी दिया गया। सूत्रों के मुताबिक बहुत से डॉक्टर इनका लगातार प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन न तो इनकी जानकारी सीएमओ कार्यालय को दी गई और ना ही पीसी पीएनडीटी एक्ट में इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया। जबकि पीसी पीएनडीटी एक्ट के अनुसार अल्ट्रासाउंड के लिए रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही मशीन खरीद कर लाई जा सकती है। केजीएमयू में डेढ़ वर्ष से अधिक समय से अल्ट्रासाउंड मशीनें लगी हैं और उनका मरीजों पर प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में केजीएमयू प्रशासन से लेकर सीएमओ कार्यालय, मशीनें सप्लाई करने वाली कंपनी और लखनऊ का जिला प्रशासन तक कटघरे में है।

वीसी ने उठाया सख्त कदम

जानकारी के मुताबिक वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट को जब मशीनों के बिना रजिस्ट्रेशन ही चलने की जानकारी मिली तो उन्होंने सभी मशीनों को उन तीन विभागों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं जिनके पास पहले से अल्ट्रासाउंड के लिए पंजीकरण है। जिन पर इन मशीनों को रजिस्टर कराया जाएगा। कुल 15 विभागों में ऐसी 20 मशीनें लगी हुई हैं जिनका रजिस्ट्रेशन न होने पर उन्हें दूसरे विभागों में लगाने को कहा गया है।

बिना रजिस्ट्रेशन मशीन रखना अपराध

किसी भी तकनीक से गर्भधारण पूर्व तथा गर्भावस्था में लिंग की जानकारी करना अथवा लिंग चयन करना व कराना पीसी पीएनडीटी के तहत अपराध है। अल्ट्रासाउंड से गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग की जांच की जा सकती है। इसके कारण देश के बहुत से इलाकों में लड़कियों की संख्या में गिरावट के कारण ही सख्त कानून लागू किया गया था। इसके तहत कोई भी डॉक्टर बिना सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण के न तो अल्ट्रासाउंड कर सकता है और न ही मशीन को रख सकता है। पंजीकरण होने के बाद ही मशीन को कंपनी सप्लाई करती है। यही नहीं हर माह जितने भी अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं उनकी जानकारी भी सीएमओ कार्यालय को निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध करानी होती है, लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने इन सभी का उल्लंघन किया है।

इन तीन विभागों को दी मशीनें

वाइस चांसलर प्रो। एमएलबी भट्ट ने सभी संबंधित विभागों से अपनी अपनी मशीनें प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, पीएमआर विभाग और रेस्पिरेटरी विभाग में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। इन विभागों के पास पहले से पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन हैं। उन्हीं में इन मशीनों को रजिस्टर कराया जाएगा।

कराना होगा नया रजिस्ट्रेशन

वीसी ने संबंधित विभागाध्यक्षों को भेजे गए आदेश में कहा है कि मेडिसिन विभाग, क्रिटिकल केयर विभाग, एनेस्थीसिया विभाग, ट्रॉमा सर्जरी विभाग, न्यूरो सर्जरी विभाग, जनरल सर्जरी, एनॉटमी, इंडोक्राइन सर्जरी, पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, ह्यूमन आर्गन ट्रांसप्लांटेशन और प्रभारी ट्रॉमा सेटर व प्रभारी कॉमन एक्विपमेंट से कहा है कि वे अपने अपने विभागों के लिए पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में कराएं।

सीएमओ कार्यालय की बड़ी लापरवाही

राजधानी के केजीएमयू जैसी मेडिकल यूनिवर्सिटी में 20 अल्ट्रासाउंड मशीने मंगा ली गई और उनका प्रयोग भी किया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी अब तक सीएमओ कार्यालय को नहीं है। जबकि सीएमओ कार्यालय लगातार समय समय पर सरकारी और निजी चिकित्सालयों में लगी मशीनों की मॉनिटरिंग करता है। जबकि सीएमओ कार्यालय को मशीनों की ही जानकारी नहीं है तो वह भ्रूण लिंग जांच पर रोक कैसे लगाएगा यह बड़ा सवाल है। ऐसे में बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी डॉक्टर भ्रूण लिंग जांच में इन्वाल्व हो सकता है।

एनॉटमी विभाग में नहीं है रजिस्ट्रेशन

पीसी पीएनडीटी एक्ट के प्रभारी अधिकारी व एसीएमओ डॉ। राजेंद्र चौधरी ने बताया कि गाइनी, कार्डियो, रेडियोलॉजी, ट्रॉमा, चेस्ट, आंकोलॉजी, आर्थोपेडिक विभागों सहित करीब 11 विभागों का रजिस्ट्रेशन है, लेकिन गैस्ट्रो, आर्गन ट्रांसप्लांट, एनॉटमी विभागों में मशीनों का रजिस्ट्रेशन नहीं है।

इन विभागों में चल रही थी मशीनें

मेडिसिन आईसीयू-2

क्रिटिकल केयर मेडिसिन 2

एनेस्थीसिया -2

ट्रॉमा सर्जरी 2

न्यूरो सर्जरी -1

शल्य चिकित्सा विभाग 1

एनॉटमी 1

इंडोक्राइन सर्जरी 1

पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग 2

इमरजेंसी मेडिसिन 1

गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी 1

नेफ्रोलॉजी 1

ट्रॉमा कैजुअल्टी 1

कॉमन एक्विपमेंट 1

ह्यूमन आर्गन ट्रांसप्लांटेशन 1

कोट-

नए विभागों में बिना रजिस्ट्रेशन मशीनें लगी हैं तो यह गलत है। अब तक जिन विभागों के आवेदन आए थे जनहित में उन सभी का रजिस्ट्रेशन कर दिया गया है। बिना रजिस्ट्रेशन के मशीनें खरीदी भी नहीं जा सकतीं। गलत तरीके से मशीनें लगी हैं तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। राजेंद्र चौधरी, एसीएमओ