कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। 23 सिंतबर 2020 से 12 अप्रैल 2021 तक राहु-केतु की चाल में परिवर्तन हो गया है। इसके चलते जहां मेष और मिथुन राशियों पर संकट रहेगा। वहीं धनु और मीन जातकों को शुभ समचाार से लेकर पदोन्नति तक के अवसर मिल सकते हैं। आइए जानें राशि अनुसार राहु-केतु की चाल का गोचर फल।

वृष राशिस्थ राहु का गोचर फल निम्न है:
1.मेष:- अष्टम राहु घरेलू व व्यवसाय में तनावपूर्ण परिस्थितियों को देगा।आकस्मिक धन खर्च,शरीर कष्ट,रोग व मानसिक परेशानियां रहेगी।कर्ज न लें।
2.वृष:- बंधुओं से विरोध,अचानक धन प्राप्ति के योग बनेंगे।रोग व शत्रु भय, बनते कार्यों में बाधाएं रहेंगी।
3.मिथुन:- बनते कार्यों में विघ्न,अत्यधिक खर्च,मन अशांत रहेगा।शत्रु बनेंगे परंतु परास्त हो जाएंगे।
4.कर्क:- पंचम राहु कुछ बिगड़े कार्यों में सुधार,भूमि भवन आदि का सुख,धन लाभ,विदेश यात्रा के योग बनेंगे।
5.सिंह:- घरेलू उलझनों से मन परेशान रहेगा,बनते कार्यों में उलझने आएंगी।परिवर्तन भी संभव है।
6.कन्या:- भाई बंधुओं से विरोध,वाहनादि सुख की प्राप्ति,आय के नए साधन बनेंगे।
7.तुला:- लाभ कम और खर्च अधिक हो,शरीर कष्ट सम्भव व मित्रों से विरोध हो।
8.वृश्चिक:- पति-पत्नी में विघटन,पार्टनर्स में आपस में तनावपूर्ण वातावरण बने।
9.धनु:- अचानक धन लाभ, कार्य व्यवसाय में सफलता मिलेगी।शुभ यात्राएं होंगी।
10.मकर:- रोग व शत्रु भय, संतान व विद्या संबंधी मामलों में विघ्न।निकटतम संबंधी से कलह।शत्रु भय।
11.कुम्भ:- व्यवसाय में संघर्ष रहेगा।व्यर्थ भागदौड़ रहेगी।लाभ कम, खर्चों में वृध्दि अधिक रहेगी।
12.मीन:- पराक्रम में वृद्धि, शुभ यात्रा,धन लाभ व पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।

वृश्चिक राशिस्थ केतु का गोचर फल:
1.मेष:- धन हानि,रोग व शत्रु भय,विद्या में विघ्न,खर्च अधिक हो।परिवार की चिंता।
2.वृष:- निकट सम्बन्धी से धोखा मिलने की संभावना है।स्त्री व पारिवारिक चिंता।
3.मिथुन:- शुभ समाचार मिल सकता है।स्वयं के पराक्रम से धन लाभ हो।
4.कर्क:- संतान संबंधित चिंता,लाभ कम व खर्च अधिक हो।घरेलू कलह से मन अशांत रहेगा।
5.सिंह:- घरेलू परेशानियां रहेंगी।स्थान का परिवर्तन संभव है।मानसिक परेशानी रहेगी।
6.कन्या:- शरीर कष्ट व तनाव बढ़ने से मन परेशान रहे।आशानुकूल कम सफलता मिलेगी।
7.तुला:- व्यर्थ की भाग दौड़ रहेगी।लाभ कम खर्च अधिक हो।नुकसान होने की संभावना रहेगी।
8.वृश्चिक:- आर्थिक परेशानी रहेगी,खर्च अधिक हो,शरीर कष्ट संभव।
9.धनु:- रोग-शोक व शत्रु भय।खर्च अधिक व गुप्त परेशानियां संभव।
10.मकर:- भूमि वाहनादि,भौतिक सुख साधनों में वृद्धि,धन लाभ,यश लाभ।
11.कुम्भ:- किसी मंगल कार्य पर धन खर्च हो, विदेश यात्रा का योग भी संभव है।
12.मीन:- धन लाभ,दुर्घटना का भय,आराम कम संघर्ष अधिक रहेगा।वाहनादि पर खर्च अधिक हो।

अनिष्ट राहु की शांति हेतु उपाय:
राहु ग्रह की शांति हेतु तिल, तेल, भूरे रंग का वस्त्र,कंबल,नारियल,सप्तधान्य,सतनाजा,कृष्ण पुष्प आदि का दक्षिणा देकर दान करना कल्याणकारी रहता है।गोमेद रत्न धारण करें।गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ भी शुभ है।राहु का निम्न गायत्री मंत्र भी जपें। मंत्र:-
ॐ शिरोरुपाय विदमहे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात।

बीज मंत्र:
ॐ भ्रां भ्रां भ्रां स: राहवे नमः
उक्त मंत्र का 18 हजार जाप करना चाहिए।

अनिष्ट केतु हेतु शांति उपाय:
इसकी शांति के लिए लोहा,सप्तधान्य,लाल-काला वस्त्र,नारियल,कंबल,कस्तूरी,बेल,कुष्ठ आश्रम आदि में भोजन,खीर का दान आदि करना चाहिए।लसुनिया रत्न भी धारण किया जा सकता है।इसकी शांति के लिये संकट नाशक श्री गणेश स्तोत्र एवं अपराजिता स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।केतु ग्रह की शांति के लिए निम्न मंत्र का जाप चाहिए:-

ॐ पदम पुत्राय विदमहे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा।
बालाजी ज्योतिष संस्थान,बरेली।