कानपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) में अपने इस्तीफे की पेशकश की है, लेकिन समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है। बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया है। हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। यह बैठक 2019 के आम चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई है।


23 सदस्यों में से सिर्फ चार ने दर्ज की जीत

पीटीआई के मुताबिक, इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल भी उपस्थित हैं। कांग्रेस शासित चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों को सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया था। एक सूत्र ने कहा कि इस बैठक में पार्टी हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा कर सकती है। बता दें कि सीडब्ल्यूसी के 23 सदस्यों में से सिर्फ चार ने ही लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की हैं, जिनमें पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, गौरव गोगोई और ए. चेला कुमार शामिल हैं।

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कांग्रेस को मिली 52 सीटें

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने केवल 52 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है। 2014 की तुलना में पार्टी ने सिर्फ आठ सीटों पर बढ़त बनाई है। चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी राज बब्बर ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, साथ ही अभियान समिति के प्रमुख एच.के. पाटिल, ओडिशा पार्टी प्रमुख निरंजन पटनायक और अमेठी जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी अपने पद से रिजाइन कर दिया।

 

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