i reality chek

-जनरल में बैठने वालों की मॉनिटरिंग का जंक्शन पर कोई सिस्टम नहीं

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ: ट्रेनों में भीड़ अनकंट्रोल्ड है। इसमें भी जनरल डिब्बों का तो और बुरा हाल है। आलम यह है कि 100 सीट वाले डिब्बे में 300 पैसेंजर्स ठुंस जाते हैं। इलाहाबाद जंक्शन से चलने या यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में ऐसा ही हाल देखने को मिलता है। सोमवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इलाहाबाद जंक्शन पर संगम और सीमांचल एक्सप्रेस के जनरल डिब्बों का रियलिटी चेक किया। इस दौरान जनरल की हालत किसी दलदल सरीखी नजर आई।

सीन-1 संगम एक्सप्रेस

5.15 पर प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची संगम एक्सप्रेस। ट्रेन लगते ही थोड़ी देर में ट्रेन पैसेंजर्स से फुल हो गई। 5.50 पर जब ट्रेन रवाना हुई तो इंजन से सटे जनरल डिब्बे में क्षमता से ज्यादा पैसेंजर्स सवार हो चुके थे। दर्जनों पैसेंजर्स डिब्बे के गेट पर लटके हुए थे। इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं था।

सीन-2 सीमांचल एक्सप्रेस

आनंद विहार से जोगबनी जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस 5.45 पर इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर पहुंची। पिछले हिस्से में गार्ड से लगे जनरल डिब्बे पूरी तरह से फुल थे। कपड़े बांधकर कुछ लोग डिब्बे के गैलरी में और गेट के पास लटके हुए थे। 6.15 पर जब ट्रेन छूटी तीन दर्जन से अधिक लोग मेन गेट पर ही लटके हुए दिखाई दिए। कुछ पैसेंजर्स तो प्लेटफार्म पर ही गिर गए

बॉक्स

पुष्पक एक्सप्रेस में है बायोमीट्रिक

पैसेंजर्स को बैठाने के लिए बायोमीट्रिक की शुरुआत पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल से कर दी गई है। यहां दिल्ली से लखनऊ के लिए चलने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया गया है।

ऐसे करता है काम

-ट्रेन रवानगी से पहले पैसेंजर्स का फिंगर प्रिंट लिया जाएगा

-ट्रेन में चढ़ने से पहले फिंगर प्रिंट मैच होने पर ही पैसेंजर को ट्रेन में चढ़ने दिया जाएगा

-ट्रेन में जितनी सीट होगी, उतने पैसेंजर ही सफर कर सकेंगे

वर्जन

दिल्ली और हावड़ा की तरफ से आने वाली ट्रेनें पीछे से पैक रहती हैं। वहीं जंक्शन से रवाना होने वाली ट्रेनों में भीड़ की वजह से कोई हादसा न हो इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ की है। बायोमीट्रिक सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है। जल्द ही सभी ट्रेनों में लागू होगा।

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर