Allahabad : रेलवे पूरे देश में पर डे 12 हजार ट्रेनें चलाती है। इसमें पर डे दो करोड़ 30 लाख पैसेंजर्स सफर करते है। मैं सारे देश की ट्रेन इलाहाबाद से नहीं चला सकता। रेलवे से इतनी उम्मीद करना ठीक नहीं है। मंडे को रेल मिनिस्टर पवन बसंल ने प्रेस कांफ्रेस में यह कहा। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या पर तीन करोड़ लोग स्नान के लिए आए थे। एडमिनिस्ट्रेशन ने बस स्टेशन को सिटी से दूर बना दिया। इससे श्रद्धालु संगम से सीधे जंक्शन पहुंच गए। ओवर क्राउड होने के कारण मैनेजमेंट गड़बड़ा गया। इस घटना के लिए किसे दोषी मानते है? इस पर रेल मिनिस्टर ने कहा कि, मैं दोष मढऩे के लिए नहीं आया हूं, आप खुद इसका आंकलन कर सकते हैं. 
घुमा फिराकर प्रशासन पर मढ़ा दोष  

रेल मिनिस्टर ने सीधे तौर पर सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को इस घटना का दोषी नहीं कहा, लेकिन घुमा फिराकर उन्होंने लोकल एडमिनिस्ट्रेशन पर इसकी जिम्मेदारी डाल दी। पवन बंसल ने कहा कि लोकल अॅथारिटी ने जितनी ट्रेनों को कहा था उसका इंतजाम किया गया था। उन्होंने कहा कि संगम से सीधे रास्ते से श्रद्धालुओं को जंक्शन भेजा जा रहा था। सिविल लाइंस साइड से जंक्शन पर इंट्री बैन थी, इसके बाद भी इतनी बड़ी तदाद में श्रद्धालुओं को क्यों इस ओर डाइवर्ट किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सिर्फ अपने प्रिमाइस में डिसीजन ले सकती है। बाहरी एरिया एडमिनिस्ट्रेशन का होता है। हम चाहते हुए भी एक किलोमीटर पहले भीड़ को रोक या डाइवर्ट नहीं कर सकते थे। पवन बंसल ने कहा कि रेलवे ने क्राउड मैनेज करने की प्लानिंग कर रखी थी। इसके लिए बकायदा एक कुंभ गाइड भी पब्लिश करवाई थी। जो कुंभ में एडमिनिस्ट्रेशन के पास भी थी। इसमें यह बात मेंशन थी कि संगम से निकली श्रद्धालुओं की भीड़ को सिटी साइड से ही जंक्शन में इंट्री करवाई जाएंगी। बहुत ही विकट स्थिति होती है तो जंक्शन पर सिविल लाइंस की तरफ डाइवर्ट किया जाएगा? ऐसा करने से पहले एडमिनिस्ट्रेशन को न सिर्फ रेलवे अॅथारिटी को जानकारी देने की बात इस गाइड में मेंशन थी बल्कि यह बात भी थी कि सिविल लाइंस साइड से श्रद्धालुओं की इंट्री का फाइनल डिसीजन भी रेलवे को लेना था। उन्होंने कहा कि रेलवे ऑफिसर्स ने बताया कि इस चेंज की जानकारी रेलवे अथ्ॉरिटी को नहीं दी गई। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए रेलवे बोर्ड के ऑफिसर्स की कमेटी बनाई गई है।