रेल मंत्रीजी रांची रेलवे स्टेशन के इंक्वॉयरी सेंटर पर ट्रेनों का स्टेटस जानने के लिए हजारों लोग डेली फोन और सैकड़ों लोग यहां खुद आकर जानकारी मांगते हैं, लेकिन इस सेंटर पर ट्रेन की जानकारी के लिए लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है। इसके बाद भी लोगों को जानकारी मिलने की गारंटी नहीं है। क्योंकि एक शिफ्ट में मात्र एक कर्मचारी के भरोसे यह सेंटर चलता है। एक अकेले कर्मचारी के जिम्मे रेलवे इंक्वॉयरी का फोन पिक करना, जो पैसेंजर सामने से जानकारी मांग रहे हैं उनको जानकारी देना, बोर्ड पर ट्रेनों का स्टेटस लिखना और रजिस्टर मेंटेन करना होता है। ऐसे में आप खुद सोच लीजिए की एक आदमी एक साथ कैसे इतना काम करेगा। इस बारे में साउथ-इस्टर्न रेलवे के अधिकारी बार-बार यही राग अलापते हैं कि यहां पर कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा, लेकिन होता कुछ भी नहीं।

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बंद रहते हैं रिजर्वेशन काउंटर

रांची रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन आफिस में पब्लिक की सुविधा के लिए दर्जन भर रिजर्वेशन काउंटर खोले गए हैं, लेकिन इसमें से आधे से ज्यादा काउंटर अधिकतर समय बंद ही रहते हैं। ऐसे में यहां पर रिजर्वेशन टिकट बनवाने आने वाले लोगों को काउंटर पर लाइन में घंटो लगना पड़ता है। जिससे पब्लिक को काफी परेशानी होती है। इस बारे में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लोगों को ऑन लाइन टिकट लेना चाहिए। लेकिन रेलवे का यह तर्क आम लोगों के गले नहीं उतरता है।

रांची कब बनेगा मॉडल स्टेशन

रांची रेलवे स्टेशन का मॉडल स्टेशन बनाने की मांग सालों से हो रही है। इस स्टेशन के सौंदर्यीकरण और यहां पर बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की मांग होती रहती है। इसके लिए साउथ-इस्टर्न रेलवे रांची मंडल ने रेल मिनिस्ट्री को दो साल पहले प्रपोजल भेजा था, लेकिन इस प्रपोजल पर आजतक कोई काम नहीं हुआ है। रांची स्टेशन की हटिया, धुर्वा, मेकॉन, डोरंडा एरिया से दूरी को कम करने के लिए रांची रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ भी स्टेशन का एंट्री गेट बनाने का प्रस्ताव रेल मिनिस्ट्री को भेजा गया है। इसके लिए नई सड़क भी बनाने की बात हुई थी, लेकिन इसपर भी कोई काम नहीं हुआ है। रांची रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले पैसेंजर्स की सुविधा के लिए यहां पर बजट होटल बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन यह भी आजतक पूरा नहीं किया गया है।

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