ट्रेनों में दिव्यांग व विक्षिप्त बनकर पैसेंजर्स का माल उड़ाने वाले अरेस्ट तीन युवकों को पकड़ कर जीआरपी ने किया गैंग का पर्दाफाश

ALLAHABAD: ट्रेन में यात्रा के दौरान कोच में अगर मदद मांगने वाले दिव्यांग या फिर थोड़े विक्षिप्त लोग नजर आते हैं, तो उनसे थोड़ा एलर्ट रहें। क्योंकि इस तरह के लोगों के वेश में अब ट्रेनों में चोर व लुटेरे भी घूमने लगे हैं, जो मौका मिलते ही पैसेंजर्स का सामान लेकर नौ-दो ग्यारह हो जाते हैं। गुरुवार को जीआरपी इलाहाबाद की टीम ने इसी तरह के एक गैंग का पर्दाफाश किया।

खुफिया टीम से मिली सूचना

जीआरपी थाना के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह को खुफिया टीम से सूचना मिली कि जंक्शन पर कुछ शातिर लुटेरे मौजूद हैं, जो ट्रेनों में दिव्यांग और पागल बन कर सफर करते हैं और मौका पाकर लूट व चोरी को अंजाम देते हैं। खुफिया टीम की सूचना पर एक्टिव हुए जीआरपी के जवानों ने प्लेटफार्म नंबर एक से तीन युवकों को गिरफ्तार किया। जिनमें फिरोज अहमद 40 निवासी साउथ मलाका, विशाल डोम 20 निवासी मलाकराज, रामबाबू 46 निवासी राजरूपपुर जगमल हाता शामिल हैं। पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे लूट व चोरी की घटना को अंजाम देते थे।

कई घटनाओं का किया खुलासा

पूछताछ में शातिरों ने कई घटनाओं का खुलासा किया। लालगोपालगंज स्टेशन के पास प्रयाग बरेली पैसेंजर ट्रेन में महिला यात्री के साथ हुई लूट के बारे में बताया कि किस तरह से तीनों ने पागल व दिव्यांग बन कर महिला का पर्स लूटा था। जिसमें नकदी व जेवरात मिले थे।

हाथ को टेढ़ा कर बन जाते थे दिव्यांग

प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पकड़ा गया युवक फिरोज, दिव्यांग बन जाता था। वह अपने दाहिने हाथ को टेढ़ा कर लेता था, जिससे यात्री समझते थे कि यह दिव्यांग है। विशाल डोम पागल बनकर पैसेंजर्स के पास बैठ जाता था। वहीं रामबाबू ट्रेन के डिब्बे में गेट पर रहता था और लूट होने के बाद यात्री बनकर इनकी मदद करता था।