- रेलवे ने पाइलट प्रोजेक्ट के तहत दो ट्रेंस में शुरू की व्यवस्था

- हर यूज में हो जाएगा ऑटो फ्लश, वहीं पांच यूज के बाद पूरा टॉयलेट हो जाएगा साफ

- गंदे टॉयलेट होने से नहीं हो पाता था प्रॉपर इस्तेमाल

GORAKHPUR: टॉयलेट गंदा होगा, यह सोचकर सफर के दौरान कई लोग ट्रेन में का इसे यूज करने से कतराते हैं। खुद को कंट्रोल कर वह लंबा-लंबा सफर पूरा कर लेते हैं। सफर का डर अक्सर ट्रेन में देखने मिलता है। मगर आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा। लोग जरूरत पड़ने पर टॉयलेट जाएंगे और उन्हें साफ-सफाई भी मिलेगी। टॉयलेट में गंदगी की प्रॉब्लम को लेकर लगातार आ रही शिकायतों के बाद रेलवे ने इस ओर कदम बढ़ाया है। अब ई-टॉयलेट पैसेंजर्स का डर दूर करेंगे। टॉयलेट चकाचक होंगे और पैसेंजर वहां जाने में हिचकिचाहट नहीं महसूस करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे दो ट्रेंस में स्टार्ट कर दिया गया है, अगर कामयाबी मिली, तो सभी ट्रेंस में ई-टॉयलेट होंगे और लोगों को सफर के दौरान टॉयलेट जाने के लिए सोचना नहीं पड़ेगा।

हर यूज के बाद ऑटो फ्लश

ई-टॉयलेट की डिजाइन को लेकर सीपीआरओ ने बताया कि यह आम टॉयलेट की तरह ही होंगे। बस इसमें डोर सेंसर टेक्नीक का इस्तेमाल कर साफ-सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की तैयारी है। इसमें हर यूज के बाद टॉयलेट हाई प्रेशर वॉटर से ऑटो फ्लश हो जाएगा, जिससे गंदगी की संभावना कम होगी। वहीं जब इसे पांच व्यक्ति इस्तेमाल कर लेंगे, तो पूरे टॉयलेट केबिन में भी पानी से खुद ब खुद सफाई हो जाएगी। इस नई व्यवस्था से टॉयलेट में रहने वाली गंदगी खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी।

सफर के दौरान होती थी प्रॉब्लम

पैसेंजर्स को अब तक ट्रेन के सफर में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। ट्रेन चलने के दौरान तो एक-दो बाद लोग इसका इस्तेमाल कर लेते थे, लेकिन जब गाड़ी कहीं बीच में पहुंच जाती, तो देखते ही देखते टॉयलेट इतना गंदा हो जाता कि लोग इसे इस्तेमाल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। जिन पैसेंजर्स को लंबा सफर करना होता है, उन्हें मजबूरी में टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है, लेकिन इस दौरान उनकी हालत काफी खराब हो जाती है। हालांकि रेलवे ने रनिंग ट्रेन में हाउसकीपिंग स्टाफ की व्यवस्था की है, जो बुलाने पर सफाई कर देते हैं, लेकिन ई-टॉयलेट लगने के बाद किसी को बुलाने की भी जरूरत नहीं मिलेगी और टॉयलेट चकाचक मिलेंगे।

वर्जन

ट्रेंस में टॉयलेट साफ सुथरा रहे, इसके लिए ई-टॉयलेट की व्यवस्था की जा रही है। इसमें हर यूज के बाद ऑटो फ्लश हो जाएगा। वहीं पांच यूज के बाद पूरा टॉयलेट खुद ही धुल जाएगा। अभी इसका ट्रायल चल रहा है।

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे