-रेलवे चलती ट्रेन में गंभीर बीमारियों के पेशेंट का भी करेगा इलाज

- इलाज के लिए गार्ड को दी जा रही ट्रेनिंग, एम्स से मिलाया हाथ

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VARANASI

ट्रेन में सफर के दौरान हार्ट अटैक या अचानक बीमार होने पर अब गार्ड प्राइमरी ट्रीटमेंट देगा. इसके लिए रेलवे ने एम्स के डॉक्टर्स की टीम से फ‌र्स्ट एड बाक्स तैयार कराया है. ट्रेंस में जर्नी के दौरान कई बार हार्ट अटैक, सांस फूलने या किसी अन्य गंभीर बीमारी में तत्काल ट्रीटमेंट नहीं मिलने से कई बार पैसेंजर्स की मौत तक हो जाती है. रेलवे ने ट्रेन में अचानक गंभीर रुप से बीमार होने वालों के लिए खास इंतजाम किया है.

चलती ट्रेन में गंभीर बीमारी का इलाज

रेलवे बोर्ड ने एम्स के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की राय ली है. डॉक्टर्स ने रेलवे की रिपोर्ट पर पाया कि ट्रेन में उल्टी दस्त, फीवर, सरदर्द जैसी सामान्य बीमारी के अलावा हार्ट और सांस रोग से संबंधित पीडि़त यात्री भी जर्नी करते हैं. ऐसे में अचानक प्रॉब्लम होने पर उन्हें तत्काल फ‌र्स्ट एड उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है. इसको ध्यान में रखते हुए नया प्लान बनाया गया है. एक्सपर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक के समय पेशेंट को तत्काल एक गोली जैसे इकोस्प्रिन की जरूरत होती है. यह मामूली गोली पेशेंट को एक घंटे तक राहत दे देती है. इससे पेशेंट को डॉक्टर के पास पहुंचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. एम्स के डॉक्टर्स की टीम ने फ‌र्स्ट एड बॉक्स तैयार किया है, जो ट्रेन में गार्ड के पास और स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पास होगा.

गार्ड व टीटीई को मिल रही ट्रेनिंग

चलती ट्रेन में पैसेंजर के बीमार होने पर टीटीई व अन्य स्टाफ चेन पुलिंग करके ट्रेन रोकेगा और गार्ड से दवा लेकर पेशेंट को उपलब्ध कराएगा. एम्स के सुझाव के आधार पर रेलवे सभी प्रमुख शहरों के प्राइवेट डॉक्टर्स के साथ करार कर रहा है, बीच रास्ते में ट्रेन रोककर गंभीर यात्रियों को ट्रीटमेंट के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा. रेलवे स्टेशन पर प्राइवेट चिकित्सकों का नाम पता व मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कैंट के मुताबिक गार्ड और स्टेशन मास्टर को फ‌र्स्ट एड बाक्स उपलब्ध कराने के साथ ट्रेनिंग दी जा रहा है. इसमें टीटीई को भी शामिल किया गया है.