-रेलवे न्यू पार्सल कोचों को करा रहा डिजाइन, पहले से तेज और सुरक्षित पहुंचेगा आपका पार्सल

-नॉमर्ल कोचों से दोगुनी क्षमता के होंगे ये कोच, तीन महीने में तैयार होकर मिल जाएंगे 100 कोच

KANPUR। ई मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने अहम कदम उठाया है। रेलवे इसके लिए 'ई-कॉमर्स वैन' का निर्माण कपूरथला स्थित आरसीएफ 'रेल कोच फैक्ट्री' में करा रहा है। आने वाले तीन महीने में आधुनिक लगेज कोच रेलवे ट्रैक पर दौड़ते दिखाई देंगे। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक नए लगेज कोच में एक साथ तीन ट्रक का माल एक जगह से दूसरे जगह भेजा जा सकेगा। वर्तमान की अपेक्षा लोगों का लगेज और सुरक्षित और जल्द पहुंचेगा।

पहली रैक जल्द मिलेगी

रेल कोच फैक्ट्री के पीआरओ जितेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक तीन माह में 100 ई-कॉमर्स वैन का निर्माण होगा। जिसमें एक रैक जल्द ही रेलवे बोर्ड को हैंडओवर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे ई-मार्केटिंग को काफी बढ़ावा मिलेगी। वर्तमान की अपेक्षा उनका लगेज कम समय में उन तक पहुंच जाएगा।

160 किमी होगी स्पीड

रेल कोच फैक्ट्री के आफिसर्स के मुताबिक तैयार होने वाले न्यू पार्सल कोचों की स्पीड में भी इम्प्रूवमेंट किया जाएगा। वर्तमान कोचों की अपेक्षा ई-कॉमर्स वैन सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाया जा सकेगा। इनकी अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटे हैं। इन कोचों का यूज करने के लिए रेलवे ई-मार्केटिंग कंपनियों को ऑफर करेगी। जो वर्तमान में पार्सल भेजने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट का यूज करती हैं।

बहुत समय भी बचेगा

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक न्यू कोच में पार्सल किया गया लगेज वर्तमान की अपेक्षा अधिक सुरक्षित रहेगा। इसके साथ ही समय की भी बचत होगी। वर्तमान में एक पार्सल कोच को दूसर स्थान में पहुंचने में लगभग एक सप्ताह से दो सप्ताह लग जाता है। आने वाले समय में पब्लिक का लगेज उनके पास तीन-चार दिनों में पहुंच जाएगा।

एक वैन में तीन ट्रक सामान

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक न्यू लुक में तैयार किए जा रहे ई-कॉमर्स वैन की क्षमता वर्तमान के पार्सल कोचों से दोगुना होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पार्सल कोचों में अधिकतम डेढ़ ट्रक या कंटेनर का माल आ पाता है। न्यू कोचों में एक कोच में एक साथ तीन ट्रक का माल आ जाएगा।

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'' पब्लिक की सुविधाओं को ध्यान में देते हुए वह ई-मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए रेलवे बोर्ड ने यह कदम उठाया है। इससे पब्लिक को काफी रिलीफ मिलेगी.''

जितेंद्र सिंह, पीआरओ, आरसीएफ, कपूरथला