- रेलवे ने अपनी लाइब्रेरी की ऑनलाइन, 18वीं सदी की बुक्स भी अवेलबल

- अपने पसंदीदा ऑथर, बुक नेम या दूसरे एक्सटेंशन से भी सर्च कर सकेंगे किताब

- आउट साइडर्स के लिए वहीं बैठकर पढ़ने की व्यवस्था

GORAKHPUR: किताबों की दुनिया ही अलग है और इसके कद्रदान भी शहर में बहुत ज्यादा है, लेकिन कोई ऐसा ठिकाना नहीं है, जहां बैठकर उन्हें अपनी पसंदीदा किताबें मिले और उन्हें पढ़ने का मौका भी मिल जाए। ऐसे लोगों को रेलवे ने एक नया ठिकाना दिया है। यंग जनरेशन की सोच को मैच करते हुए ऑथर हों या फिर सीनियर सिटीजन के पसंदीदा राइटर्स, अब सबकी बुक्स लोग रेलवे की लाइब्रेरी में एक्सेस कर सकेंगे। रेलवे ने अपनी बुक्स के बारे में लोगों तक इंफॉर्मेशन पहुंचाने के लिए इसे ऑनलाइन कर दिया है। अब गोरखपुराइट्स ऑनलाइन मोड में यह देख सकेंगे कि जो बुक्स उन्हें चाहिए वह रेलवे की लाइब्रेरी में अवेलबल है या नहीं। अगर मौजूद है, तो वह इसे विभाग में जाकर झटपट निकलवाकर पढ़ सकेंगे। इससे लाइब्रेरी में पहुंचकर लगने वाले टाइम की भी बचत होगी और उनकी यह क्वेरी कि उनकी पसंदीदा किताब लाइब्रेरी में है या नहीं, घर बैठे ही सॉल्व हो जाएगी।

एक क्लिक पर जान सकेंगे हाल

रेलवे ने अपनी लाइब्रेरी में मौजूद किताबों का ब्यौरा ऑनलाइन कर दिया है। वेद-पुराण हों या फिर यंग जनरेशन की के फेवरेट ऑथर, सभी का हाल लोग एक क्लिक पर आसानी से जान सकेंगे। इसके लिए उन्हें एनई रेलवे की वेबसाइट पर जाना होगा, जहां से वह ई-लाइब्रेरी सेक्शन पर क्लिक कर बुक्स की अवेलबिल्टी चेक कर सकेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, अगर बुक्स अवेलबल हैं, तो यूजर्स को वहां जाकर घंटों लाइब्रेरी की खाक भी नहीं छाननी है। बस उन्हें अपनी बुक या उसके ऑथर का नाम लिखकर सर्च करना है, तो ई-लाइब्रेरी सेक्शन उन्हें यह बता देगा कि बुक किस सेक्शन पर, किस शेल्फ में और किस नंबर पर रखी हुई है। यानि कि एक क्लिक करते ही उन्हें बुक की कुंडली मिल जाएगी और वह फौरन जाकर बगैर टाइम वेस्ट किए अपनी पसंदीदा बुक का फायदा उठा सकेंगे।

1960 की है लाइब्रेरी

रेलवे के कार्मिक डिपार्टमेंट में बनी लाइब्रेरी 1960 की है। इसमें डेवोशनल से लेकर साइंटिफिक हर तरह की किताबें मौजूद हैं। वेद-पुराण तो है ही साथ ही फॉरेन राइटर्स की कुछ खास बुक्स भी यहां देखने और पढ़ने को मिल जाएगी। लाइब्रेरी में किताबें तो बहुत थी, लेकिन उन्हें ढूंढने के लिए मैनुअली ही खोज-बीन करनी पड़ती थी। मगर एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे डिजिटाइज कर एक नई जिंदगी दे दी है, इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब लोगों को किताबें ढूंढने में वक्त नहीं बर्बाद करना है। पिछले दिनों जीएम राजीव अग्रवाल ने ई-लाइब्रेरी सेक्शन का ऑफिशियली इनॉगरेशन भी किया है।

हाईलाइट्स -

टोटल टाइटल्स - 32131

टोटल बुक्स - 34839

वेबसाइट - ner.indianrailways.gov.in

कैसे कर सकेंगे एक्सेस -

- पहले एनई रेलवे की वेबसाइट ओपन करेंगे।

- इसके बाद 'एनई रेलवे सेंट्रल लाइब्रेरी' सेक्शन को सेलेक्ट करेंगे।

- इसमें 'पूर्वोत्तर रेलवे केंद्रीय ग्रंथालय' कॉलम सेलेक्ट कर सब्मिट करना होगा।

- इसके बाद एक सर्च मॉड्यूल खुलकर सामने आएगा, जिसमें आपको ढेरों सर्च ऑप्शन मिलेंगे।

- इसमें से कोई एक ऑप्शन या तो ऑथर, या बुक नेम सेलेक्ट कर उसमें बुक या ऑथर का नाम डालने पर सर्च रिजल्ट समने होगा।

सेंट्रल लाइब्रेरी को ऑनलाइन किया गया है। यूजर्स घर बैठे पंसदीदा बुक सर्च कर सकते हैं। अवेलबिल्टी की कंडीशन में वह रेलवे के कार्मिक विभाग में बनी लाइब्रेरी में इसे आकर पढ़ भी सकते हैं।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे