-रेलवे ने सभी चीजों के लिए जेम पोर्टल को किया मस्ट
-अपने चहेतों को टेंडर देने वाले लोगों की नहीं गल पाएगी दाल
GORAKHPUR: रेलवे के काम में इस्तेमाल होने वाली सुई के लिए भी अब जिम्मेदार एक पैसा नहीं खर्च कर सकेंगे। उन्हें सभी सामान गवर्नमेंट ई-मार्केट से ही परचेज करना होगा। सरकारी काम में हो रही 'दुकानदारी' और कमिशन के खेल को रोकने के लिए अब रेलवे ने एक लाख रुपए के नीचे की भी सभी परचेजिंग ऑनलाइन पोर्टल के जरिए करने के निर्देश दिए हैं। एक लाख से ऊपर के सामान पहले से ही ई-टेंडरिंग के जरिए परचेज किए जाते थे। पहले की बात करें तो एक लाख से कम कीमत के सामान की खरीद के लिए जिम्मेदार खुद डिसीजन ले लिया करते थे, मगर इस रूल के लागू होने के बाद अब जिम्मेदारों को सिर्फ गवर्नमेंट ई-मार्केट (जेम) पोर्टल से ही परचेजिंग करनी होगी। अगर वह इसके अलावा कहीं से भी खरीदारी करते हैं, तो उनका पेमेंट रिम्बर्स नहीं ि1कया जाएगा।
कमिशन के चक्कर में घटिया सामान
सरकारी महकमों में कमिशन का खेल धड़ल्ले से चलता आ रहा है। जो भी वेंडर अच्छा कमिशन देता है, उसी का टेंडर फाइनल हो जाता है। इसके अलावा कई बार अपने जानने वालों को छोटे-मोटे टेंडर दे दिए जाते हैं। ऐसे केस में अधिकारियों की जेबें तो भर जाती हैं, लेकिन विभाग को जो सामान मुहैया कराए जाते हैं उनकी क्वालिटी इतनी घटिया होती है कि वह कुछ दिन में ही जवाब दे जाते हैं। ऐसी कंडीशन में बेहरीन क्वालिटी के सामान का पैसा देने के बाद भी न तो रेलवे को बेहतर क्वालिटी मिल पाती है और न ही यूजर्स को इसका कोई फायदा मिल पाता है। सरकार को भी इससे नुकसान उठाना पड़ता है। इसको देखते हुए जिम्मेदारों को यह फरमान भेजा गया है कि वह छोटे-बड़े सभी सामान इसी पोर्टल से खरीदें।
पोर्टल पर ही खरीदारी
गवर्नमेंट के इस पोर्टल पर खरीदार और व्यापारी दोनों के बीच लेन-देन होगा। इसमें विभाग को रजिस्ट्रेशन कराना होगा, वहीं व्यापारी भी रजिस्टर्ड होगा। इसमें अकाउंट खोलने के लिए संस्था का प्रकार, विभाग का नाम और खरीदारी के लिए अधिकृत किए गए सामान की डिटेल भरनी है। इसके बाद पोर्टल पर रजिस्टर्ड कंपनी अपने-अपने रेट कोट करेंगी। जिसमें विभाग सबसे लोएस्ट रेट कोट करने वाली टॉप थ्री कंपनीज को सेलेक्ट कर सकता है। इसमें से सबसे मिनिमम रेट और बेहतर क्वालिटी के इक्विपमेंट्स प्रोवाइड कराने वाली कंपनी को ऑर्डर दिया जा सकेगा। बिड को ओके करते ही विभाग के पास कंपनी की ओर से निर्धारित दिनों में सामान पहुंच जाएगा। इसमें ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा है।
व्यापारी करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
पोर्टल पर कोई भी व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके लिएए gem.gov.in पर लॉगइन करना होता है। अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल देनी होती है। प्रॉसेस करते ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। व्यापारी को वो डिटेल भी देनी होगी, जिस कैटेगरी में वह वर्क करना चाहता है। इसके बाद वह विभागों केऑर्डर पर बिड कर अपना रेट कोट कर सकता है। कहने और देखने में यह प्राइवेट ई-मार्केट कंपनी की तरह ही वर्क करती है, लेकिन इसमें आम लोग खरीदारी नहीं कर सकते हैं।
स्टैटिस्टिक
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ट्रांजेक्शन वैल्यू - 44663 करोड़