-ट्रेंस में मिलने वाले खाने के पैकेट पर होगा क्यूआर कोड, खाने की मिलेगी पूरी डिटेल

-अब आसानी से चेक कर सकेंगे खाने की क्वालिटी, कम्प्लेन करना होगा आसान

raghvendra.mishra@inext.co.in

VARANASI

ट्रेन में जर्नी के दौरान भोजन सही न मिलने की कम्प्लेन आम बात है। शायद ही कोई ट्रेन होगी जिसमें पैसेंजर्स को सफर के समय मानक के अनुरुप खाना मिलता हो। आए दिन मिल रही शिकायत को आइआरसीटीसी ने बहुत गंभीरता से लिया है। पैसेंजर्स को बेहतर क्वालिटी का खाना उपलब्ध हो सके, इसको लिए आईआरसीटीसी ने खास तरह का इंतजाम किया है। फूड क्वालिटी पर निगरानी और पैंट्रीकार स्टॉफ की मनमानी रोकने के लिए ही अब ट्रेंस में मिलने वाले खाने के पैकेट पर क्यूआर कोड स्कैनिंग का सिस्टम बनाया गया है। इस सिस्टम को वाराणसी-नई दिल्ली के अलावा अन्य रूट की ट्रेंस पर लागू किया गया है।

खुद चेक कर सकेंगे क्वालिटी

ट्रेंस में मिलने वाले लंच, डिनर और ब्रेकफास्ट के हर पैकेट पर एक क्यूआर यानी क्विक रेस्पांस कोड होगा। जिसके थ्रू फूड पैकेट खरीदने वाला पैसेंजर यह जान सकेगा कि फूड क्वालिटी कैसी है? फूड का वजन कितना है? और पैकेट को तैयार करने के साथ ही सप्लाई के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन है? अगर आप फूड क्वालिटी से सैटिस्फाइड नहीं हैं तो फिर इसकी कम्प्लेन भी कर सकते हैं। जिसके बाद संबंधित के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से भी विभाग आपको बतायेगा।

इस तरह करेगा काम

-फूड पैकेट पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही पैसेंजर के मोबाइल पर पूरा डिटेल मिल जाएगा।

-इससे पता चल जाएगा कि भोजन किस बेस किचन में तैयार हुआ है।

-इसमें यह भी जानकारी होगी कि फूड डिलेवरी और उसे बनाने का लाइसेंस किसको मिला और पैकेट का वजन कितना है।

-इस क्यूआर कोड के जरिए ही आपको लाइसेंस लेने वाले का कांटैक्ट नंबर भी मिल जाएगा।

-इस नंबर पर आप खाने की क्वालिटी को लेकर अपनी कम्प्लेन भी दर्ज करा सकेंगे।

-क्यूआर कोड स्कैन के बाद खुलने वाले पेज पर एक किनारे में बेस किचन का लाइव वीडियो भी अवेलेबल होगा।

-इस पर क्लिक करते ही पैसेंजर रसोई की लाइव मॉनिटरिंग कर सकेंगे।

-यहां पैसेंजर देख सकेंगे कि बेस किचन में किस तरह खाना बनाया गया है।

सीधे पहुंच रही शिकायत

ट्रेंस में पेंट्रीकार के संचालन की जानकारी प्राइवेट एजेंसी के पास होती है। लेकिन इसकी मॉनिटरिंग के साथ कांट्रैक्ट आईआरसीटीसी द्वारा ही दिया जाता है। पैसेंजर्स को खाने में क्या देना है और क्या नहीं, यह आईआरसीटीसी ही तय करता है। कांट्रैक्ट लेने वाली एजेंसी को आईआरसीटीसी के नियमों को फॉलो करना होता है। लेकिन स्थिति यह है कि फूड क्वालिटी सुधारने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा कई स्टैंडर्ड बनाने के बाद भी फूड क्वालिटी सुधर नहीं पा रही है। इसको लेकर पैसेंजर्स आए दिन कम्प्लेन भी कर रहे हैं। क्यूआर कोड से पैसेंजर्स को शिकायत करने में और आसानी होगी।

प्वाइंट टू बी नोटेड

कैंट स्टेशन पर प्लेटफॉर्म-09

ओरिजिनेटिंग ट्रेन -39

पासिंग ट्रेन -73

टोटल ट्रेन -112

टोटल फुटफॉल-एक लाख

वर्जन =====

पैसेंजर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आइआरसीटीसी ने यह कदम उठाया है। इससे सीधे क्वालिटी चेक करने के साथ ही कम्प्लेन करने की सुविधा पैसेंजर्स को मिलेगी।

अश्विनी श्रीवास्तव, सीआरएम

आइआरसीटीसी, लखनऊ